मध्यप्रदेश में अब बिल्डिंग परमिशन के लिए पेड़ लगाना जरूरी हो गया है। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व पर्यावरण दिवस पर की। यह सभी तरह की योजनाओं के तहत बनने वाले मकानों पर भी लागू होगा। उन्होंने कहा कि लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए सब कुछ बर्बाद कर दिया। हमने यह भी नहीं सोचा कि यह हम अपने लिए ही नुकसान पहुंचा रहे हैं। जंगल और जमीन को इतना नुकसान पहुंचाया कि तापमान बढ़ने लगा है। थोड़ा सा तापमान बढ़ने के बुरे नतीजे सामने आने लगे हैं। अगर यही स्थिति रही, तो कुछ नहीं बचेगा। जीवन जीने के लिए दोहन करना जरूरत है, लेकिन जीवन और भोजन देने वालों को नष्ट नहीं किया जा सकता। जैसे पेड़ से फल लेना दोहन है, लेकिन पेड़ को काट देना दोहन नहीं पाप है।
अब पूरी दुनिया इसे मान रही है। मनुष्य ने भौतिक प्रगति के लिए प्रकृति से खिलवाड़ की। ये धरती केवल मनुष्यों के लिए नहीं है सबके लिए है। अनेकों समस्याएं केवल पर्यावरण के असंतुलन से पैदा हुई हैं। पेड़ कटे-जंगल कटे, जिसका बुरे परिणाम आज सबके सामने है। गंगा, सिंधु, कावेरी, सरस्वती, रेवा, यमुना, नर्मदा ये सब पवित्रा मां हैं हमारी। भाव यही है कि इनके बिना हमारा काम नहीं चल सकता है। हमें बचपन से यही सिखाया गया है कि हम प्रकृति की पूजा करें। हमने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की। इसलिए गहरे संकट में आज हम फंसे है। इस संकट से बाहर निकलना है, तो हमें पर्यावरण सुधारना होगा। मैं आप सबसे आह्वान करता हूं कि वर्ष में एक पेड़ अवश्य लगाएं और उसका संरक्षण करें। विश्व पर्यावरण दिवस को पूरी दुनिया मना रही है।
7 साल की बेटी अंकुर अभियान की ब्रांड एंबेसडर बनी
अंकुर अभियान से जुड़ी रायसेन की कोपल श्रीवास्तव से सीएम ने बात की। उन्होंने कहा कि सात साल की बेटी कोपल अंकुर अभियान की ब्रांड एंबेसडर बनेंगी। इतनी छोटी बिटिया के मन में पेड़ लगाने का विचार आया। जो हम सबको पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करती रहेंगी। उसे यह प्रेरणा माता-पिता से मिली। सीहोर जिले के तरुण सोलंकी ने बताया कि पौधे लगाकर मुझे बहुत अधिक संतुष्टि मिलती है। जैसे मां-बाप अपने बच्चे की परवरिश करते हैं। वैसे ही हमें भी महसूस होता है कि पौधे की अच्छे से केयर करके कहीं अच्छी जगह उसे लगाएं। हरदा के मुकाती 90 के दशक से पौध संरक्षण का कार्य कर रहे हैं। मंडला में रूपारेल नदी के किनारे 400 एकड़ में घना जंगल तैयार किया गया है।
पेड़ लगाओ फोटो शेयर करो
सीएम ने कहा कि प्रदेश में जन-सहभागिता से वृहद स्तर पर पौधारोपण का अभियान 'अंकुर' प्रारंभ किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में भागीदार बनने के लिए मोबाइल पर 'वायुदूत एप' डाउनलोड करें और पौधा रोप कर उसका फोटो अपलोड करें। अधिक से अधिक संख्या में जुड़कर इस पुनीत पर्यावरण यज्ञ में योगदान दें। अभी तक 15 हजार लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इसमें से ढाई हजार लोग पेड़ लगा चुके हैं। हर साल प्रेरणा वायु अवार्ड दिया जाएगा।