भोपाल। प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जूडा) और सरकार के बीच विवाद गहराता जा रहा है। शुक्रवार को सरकार के निर्देश पर GMC के डीन ने इस्तीफा देने वाले 28 जूनियर डॉक्टरों को बांड भरने और हॉस्टल खाली करने के नोटिस जारी कर दिए। इसे जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने दमनकारी कार्यवाही बताया है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरविंद मीणा ने कहा कि हम अपने हक की बात कर रहे हैं तो सरकार उलटा हमसे पैसे मांग रही है। गरीब मेधावी छात्रों के खिलाफ सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। 30 लाख रुपए जमा करने के लिए हमारे गरीब मां-बाप को धमकाया जा रहा है। हमने लगातार बातचीत करने के पक्ष में रहे, लेकिन अपनी ही बात से सरकार मुकर गई। हम अभी सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हम सरकार की तरफ से डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर्स के दिए सर्टिफिकेट लौटाएंगे। सरकार हमें काेरोना महामारी में मरीजों की सेवा करने का इनाम दे रही है। जूडा आज सरकार की कर्रवाई के विरोध में ब्लड डोनेट कर अपना विरोध जताएगा।
मंत्री बोले- हम बातचीत के लिए तैयार हैं
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग बोले जुडा की हड़ताल पर सरकार अपने स्टैंड पर कायम है। सरकार के द्वार अभी भी खुले हैं। हम बातचीत के लिए तैयार हैं।
बांड भरने और हॉस्टल खाली करने के नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
सरकार की बढ़ सकती है मुश्किलें
प्रदेश सरकार के निर्देश पर हो रही कार्रवाई के विरोध में प्रदेश समेत देशभर के डॉक्टर एसोसिएशन आ गए है। जिनके द्वारा सरकार को जूडा की मांगों का हल बातचीत कर निकालने की अपील की जा रही है। साथ ही चेतावनी जारी की जा रही है कि ऐसा न होने पर वह भी जूडा के सपोर्ट में हड़ताल पर चले जाएंगे।
कब क्या हुआ
- गुरुवार को हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों की मांगों को अवैध करार देकर 24 घंटे में वापस लेने को कहा था। ऐसा नहीं करने पर सरकार को कानून के अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
- इस आदेश के तुरंत बाद सरकार के निर्देश पर जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज के 468 पीजी फाइनल ईयर के छात्रों के नामांकन रद्द कर दिए। इसके बाद अब यह छात्र परीक्षा देने के लिए योग्य नहीं रहे।
- इस बात से नाराज प्रदेश भर के करीब 2500 जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देना शुरू कर दिया।
- शुक्रवार को सरकार ने कोर्ट का 24 घंटे का समय पूरा होने पर कोर्ट के निर्देश अनुसार कार्रवाई करने को कहा।
- देर शाम तक मेडिकल कॉलेज के डीन ने इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों को के नोटिस जारी किए। इसमें सीट छोड़ने के एवज में बांड भरने के साथ ही हॉस्टल खाली करने के नोटिस भेज गए।