इंदौर। वैसे तो फिल्म 'थ्री इडियट्स' का गाना 'सारी उम्र हम मर-मर कर जी लिए' फिल्म में यह गाना एक पात्र जॉय लोबो पर फिल्माया गया था। इसमें वह अपने प्रिंसिपल से परेशान होकर यह गाना गाता है, लेकिन इस बार मामला प्रिंसिपल का नहीं, बल्कि सरकार से जुड़ा है। गाने वाले हैं इंदौर के जूनियर डॉक्टर्स। जूनियर डॉक्टर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। शुक्रवार देर रात एमवाय अस्पताल के सामने जूनियर डॉक्टरों ने फिल्मी अंदाज में सरकार को जगाने की कोशिश की।
प्रदेश सरकार और जूडा के विवाद की वजह से पांचवें दिन भी हड़ताल का निर्णय नहीं निकल पाया। अब सरकार और जूडा भी आमने-सामने हो गए। सरकार हर मांग मानने से पहले हड़ताल खत्म करने की बात कह रही है। वहीं, जूडा लिखित में आश्वासन से पहले हड़ताल खत्म नहीं करने पर अड़े हैं। उधर, एमवायएच में पांच दिनों से जारी हड़ताल की वजह से ओपीडी, इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित हुईं।
शुक्रवार को ओपीडी में कुछ ही सीनियर डॉक्टर पहुंचे। उन्होंने मरीजों को देखा। दिन-रात वार्डों में मरीजों की देखभाल करने वाले जूडा नहीं होने से सीनियर डॉक्टर वार्डों मेंं पहुंचे जरूर, लेकिन वे ज्यादा वक्त वहां नहीं रहे। औपचारिकता करके रवाना हो गए। व्यवस्था संभालने के लिए आसपास के जिलों से जिन डॉक्टरों को बुलाया गया, वे अलग-अलग वार्डों में मौजूद तो हैं, लेकिन उनकी संख्या जूडा की अपेक्षा कम है। ऐसे में मरीज इलाज के अभाव में अस्पताल से पलायन कर रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा असर ब्लैक फंगस के भर्ती मरीजों के हैं।
टॉर्च जलाकर जूनियर डॉक्टर ने प्रदर्शन किया।