जयपुर। कैबिनेट की बैठक में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बीच जिस मुद्दे को लेकर भिड़ंत हुई, वह आज भी जस का तस बरकरार है। शांति धारीवाल ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा के आदेश मानने से इनकार कर दिया है। कैबिनेट की बैठक में हुई झड़प के वक्त भी धारीवाल ने डोटासरा से दो टूक कहा था कि वह आदेश मानने को बाध्य नहीं हैं। बहुत अध्यक्ष देखे हैं। धारीवाल उस बात पर अब भी अडिग दिख रहे हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सभी मंत्रियों को चिट्ठी भेजकर 4 जून को अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में फ्री वैक्सीनेशन के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के आदेश दिए थे। सभी मंत्री प्रभार वाले जिलों में चले गए, लेकिन शांति धारीवाल का जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस का कोई कार्यक्रम नहीं आया है।
जयपुर के प्रभारी धारीवाल न यहां बैठक करेंगे न प्रेस कॉन्फ्रेंस, गृह जिला कोटा में ही बैठक करेंगे
जिन दो बातों के लिए डोटासरा-धारीवाल का झगड़ा हुआ था, उन पर गतिरोध बरकरार है। शांति धारीवाल जयपुर के प्रभारी मंत्री होने के बावजूद कोविड पर जयुपर में बैठक नहीं लेंगे। न यहां फ्री वैक्सीनेशन अभियान पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। धारीवाल ने प्रभार वाले जिले की जगह अपने गृह जिले (कोटा) को बैठक के लिए चुना है। जयपुर में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, प्रभारी मंत्री धारीवाल की जगह शनिवार शाम 4 बजे कलेक्ट्रेट में कोविड मैनेजमेंट और वैक्सीनेशन पर बैठक लेंगे। कटारिया कोटा के प्रभारी हैं। कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि सुविधा के हिसाब से शांति धारीवाल और लालचंद कटारिया ने एक-दूसरे के प्रभार वाले जिलों में बैठक करने का निर्णय लिया है। उधर, जानकारों का कहना है कि धारीवाल ने अपनी बात मनवाने के लिए और प्रदेशाध्यक्ष के आदेश के उलट दिखाने के लिए ऐसा किया है।
फ्री वैक्सीनेशन की मांग पर कांग्रेस का आज अभियान
फ्री वैक्सीनेशन की मांग को लेकर आज हाईकमान के आदेशों के बाद राजस्थान सहित देश भर में कांग्रेस ने अभियान चला रखा है। राजस्थान में सभी प्रभारी मंत्री आज अपने प्रभार वाले जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार से सभी के लिए फ्री वैक्सीनेशन की मांग कर रहे हैंं। जिलों में कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी दिए जा रहे हैं।
धारीवाल जिद पर अड़े
सीएम हाउस पर हुए झगड़े में डोटासरा ने धारीवाल से प्रभार वाले जिले जयपुर में ढाई साल के दौरान एक भी बैठक नहीं करने पर तंज कसा था। मामला इतना गरमाने के बावजूद धारीवाल ने जयपुर जिले की बैठक नहीं लेने का फैसला कर लिया। धारीवाल ने साफ तौर पर मैसेज दे दिया कि वे प्रदेशाध्यक्ष के आदेश अब भी नहीं मानेंगे।
धारीवाल ने कलेक्टरों को ज्ञापन देने का विरोध किया था, उस पर आज भी कायम
कैबिनेट की बैठक में शांति धरीवाल और डासेटासरा के बीच फ्री वैक्सीनेशन के मुद्दे पर ज्ञापन देने को लेकर ही झगड़े की शुरुआत हुई थी। डोटासरा का कहना था कि केसी वेणुगोपाल का सर्कुलर आया है, जिसमें प्रमुख नेताओं को जिले में कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देना है। इसमें फ्री वैक्सीनेशन की मांग करनी है। इस पर धारीवाल ने बीच में ही टोकते हुए कहा था कि मंत्री कलेक्टर को ज्ञापन क्यों दें, सीधे राष्ट्रपति के पास ही हमें जाना चाहिए।
धारीवाल तीन बार से सबसे पावरफुल मंत्री, इसलिए उन्हें सब छूट
शांति धारीवाल गहलोत सरकाार के सबसे पावरफुल मंत्री माने जाते हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और शहरी विकास के कामों में गहलोत के तीन कार्यकाल में धारीवाल ही सवेर्सर्वा रहे हैं। विधानसभा में ट्रबल शूटर की भूमिका में भी गहलोत धारीवाल को ही आगे रखते आए हैं। विधानसभा मेंं कई बार ऐसे मौके आए, जब धारीवाल स्पीकर से ही उलझ पड़े, लेकिन उन्हें कोई कुछ कह दे, इसकी हिम्मत कम ही दिखा पाए।