नगर में डोल यात्रा निकाली गई; देश-विदेश के भक्तों ने ऑनलाइन किए अंतिम दर्शन, आज ही आचार्य का जन्मदिन था

Posted By: Himmat Jaithwar
6/4/2021

धार। धार जिले के मोहनखेड़ा महातीर्थ के ज्योतिषाचार्य, वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य भगवंत ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी का शुक्रवार सुबह 6 बजे अंतिम संस्कार किया गया। मोहनखेड़ा तीर्थ परिसर में 8 क्विंटल चंदन की लकड़ी से अंतिम संस्कार किया गया। कोरोना प्रोटोकॉल के चलते अग्नि संस्कार करने बोली नहीं लगाई गई। अंतिम संस्कार के पूर्व मोहनखेड़ा तीर्थ से आचार्यश्री की डोल यात्रा राजगढ़ नगर होते हुए तीर्थ परिसर तक निकाली गई। देश-विदेश के भक्तों ने ऑनलाइन ही आचार्यश्री के दर्शन किए।आचार्यश्री का आज ही जन्मदिन था।

आचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी बुधवार देर रात 1.44 बजे इंदौर के अरबिंदो हॉस्पिटल में देवलोक गमन हो गया था। उनकी पार्थिव देह को मोहनखेड़ा ले जाया गया था। अंतिम संस्कार में त्रिस्तुतिक जैन श्री संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंपालाल वर्धन भी मोहनखेड़ा पहुंचे। ओमप्रकाश सकलेचा ओर राजवर्धन दात्तीगांव ने भी पहुंच कर आचार्य को दी अंतिम विदाई।

आचार्यश्री का अंतिम संस्कार।
आचार्यश्री का अंतिम संस्कार।


देश के कई डॉक्टर आकर रहे थे इलाज

सुनील बाफना ने बताया कि जैन संत मोहनखेड़ा में स्वयं के स्थापित अस्पताल में ही प्राथमिक उपचार कराते रहे । इसी दौरान उनका संक्रमण 60 प्रतिशत तक पहुंच गया । संक्रमण की स्थिति गंभीर होने के बाद उन्हें इंदौर के अरबिंदो हास्पिटल में उपचार के लिए लाया गया , जहां 24 घंटों में ही संक्रमण की स्थिति 80 प्रतिशत पर पहुंच गई और कोरोना के प्रचलित स्टार्म ( तूफान ) की स्थिति शरीर में निर्मित होने के बाद उनके उपचार के लिए तमाम जीवनरक्षक दवाइयां दी गईं, जिनमें टोसी इंजेक्शन के साथ ही प्लाॅज्मा थैरेपी भी शामिल रही।

अरबिंदो मेडिकल कालेज के संचालक डॉ . विनोद भंडारी ने बताया कि इसी दौरान उनके उपचार के लिए देशभर के डॉक्टर बुलाए गए, जिनमें मेडिकल कॉलेज की टीम के राकेश सालगिया, डॉ.चौहान , डॉ . रेखा , डॉ.पांडे , डॉ . उदावरिया के साथ ही हैदराबाद के डॉ . जिंदल , मुंबई के डॉ . बंसाली , गुड़गांव के डॉ . अरविंद मेदांता बुलाए गए। इसके उपरांत उन्हें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिया गया इंजेक्शन भी लगाया गया। आचार्यश्री के शरीर में आया कोरोना का स्टार्म तो रोक लिया गया और वे कोरोनामुक्त तो हो गए, लेकिन इलाज के दौरान उन्हें कोरोना के संक्रमण द्वारा खून के थक्के बन जाने से पल्मोनरी थ्रोम्पोएम्बोलिजम हो गया। खून के इन्हीं थक्कों ने दिल की धमनियों को अवरुद्ध कर दिया और बुधवार रात उनका निधन हो गया ।



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