मुरैना। वन विभाग की नरेला बीट में पत्थरों का अवैध खनन किया जा रहा है। यह स्थान जिले के जौरा तहसील के अर्न्तगत है। खनन मजरा व काशीपुर गांव के बीच किया जा रहा है। इसके तस्करों का गिरोह बताया जाता है। यह लोग ग्वालियर व धौलपुर में पत्थरों की सप्लाई करते हैं। दूसरी तरफ इस संबंध में विभाग कार्यवाही करने से बच रहा है। विभाग का कहना है कि यह मामला पुरानें रेंजरों के समय का है। इसकी वजह से जानकारी नहीं मिल सकी है। कोरोनाकॉल में जिले में माफियाराज व तस्करों के गिरोह सक्रिय हो गए हैं। यह लोग पुलिस व प्रशासन की व्यस्तता का पूरा-पूरा लाभ उठा रहे हैं। पुलिस व प्रशासन का पूरा ध्यान लॉकडाउन का पालन कराने तथा बैठकों में व्यतीत हो रहा है। विभाग के अधिकारी जगह-जगह चेक प्वाइंट व बेेरीकेट्स लगाकर चौकसी कर रहे हैं। सुबह-शाम फ्लेग मार्च निकाला जाता है। वरिष्ठ अफसर दिन भर बैठकों में व्यस्त रहते हैं। इसके कारण जिले के जंगलों व दूर-दराज के क्षेत्रों पर इनका ध्यान नहीं जा पा रहा है। इसका पूरा लाभ खनन व शराब माफिया उठा रहे हैं। यही कारण है कि जब से लॉकडाउन बढ़ा है इन अवैध गतिविधियों में तेजी आई है। वन विभाग के मुनारे से 20 मीटर दूरी पर हो रहा खनन इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि खनन वन विभाग के मुनारे से लगभग 20 मीटर की दूरी पर किया जा रहा है। जिस जगह से पत्थर का अवैध खनन हो रहा है वहां से वैध पत्थर की खदान लगभग 250 मीटर की दूरी पर है। नरेला गांव में हो रहा खनन दूसरा खनन जोड़ ग्राम पंचायत के नरेला गांव में हो रहा है। यहां दो किलोमीटर की सड़क वन िवभाग की जमीन पर बना दी गई है। यह सड़क वन विभाग के मुनारे तथा चन्द्रपुरा बीट के अर्न्तगत आती है। इस क्षेत्र के अर्न्तगत आने वाले वन क्षेत्र से अवैध खनन किया जा रहा है। पुराने रेंजरों के समय का है मामला यह मामला पुराने रेंजरों के समय का है। हमें इसकी जानकारी नहीं मिल सकी थी। इसकी हम जानकारी ले रहे हैं। हमने रेंजरों को वहां जांच करने भेजा है। जांच रिपोर्ट आने पर कार्यवाही की जाएगी। अमित वसंत निगम, डीएफओ मुरैना