इंदौर। सब्जी बेचने वालों के साथ निगम द्वारा की गई बदसलूकी के विरोध में विधायक संजय शुक्ला और शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल मुखर हो गए हैं। वे सुबह ठेलेवालों के घर पहुंचे और उनकी पीड़ा सुनी। इस दौरान वे संविद नगर में अजय, अभिजीत के साथ ही बड़ी ग्वालटोली में रहने वाले सोनू वर्मा के घर पहुंचे।
विधायक शुक्ला और बाकलीवाल ने ठेले वालों के परिजन से मुलाकात के बाद कहा कि इंदौर अनलॉक होते ही, प्रशासन का डंडा भी अनलॉक हो गया है। पहला डंडा गरीब ठेले वालों पर चला है, जो मेहनत कर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर रहे थे। उन्होंने परिजनों को राशन एवं आर्थिक मदद देते हुए प्रशासन से अपील की है कि कम से कम गरीब लोग जो दो वक्त की रोजी रोटी कमा कर मेहनत कर अपना परिवार चला रहे है, उन्हें परेशान ना किया जाए।
कार्रवाई के विराेध में फल विक्रेता सड़क पर कार के सामने लेट गया था।
यह है मामला
अग्रवाल पब्लिक स्कूल के पास मंगलवार को उस समय हंगामा मच गया, जब फल सब्जी विक्रेताओं ने सड़क पर ठेले से उठाकर फल फेंकना शुरू कर दिया था। वे निगम को कोसते हुए लगातार फल फेंक रहे थे। इन्होंने बताया कि निगम वाले उनके तराजू लेकर चले गए हैं। बिना तराजू के वे व्यापार कैसे करें। हमारे सामने अब भूखे मरने की नौबत आ रही है। कार्रवाई से गुस्सा एक फल विक्रेता तो कार के सामने लेट गया था। निगम की टीम की इस कार्रवाई से गुस्साए फल विक्रेताओं ने सड़क पर जमकर हंगामा किया। वे इतने गुस्से में थे कि खुद के ही फल ठेले से उठाकर सड़क पर फेंकने लगे। करीब एक घंटे तक यह सब चलता रहा। हंगामें के बीच एक विक्रेता सड़क पर कार के सामने लेट गया। हंगामें के बीच यातायात भी प्रभावित होने लगा। उनका आरोप है कि निगम की टीम आए दिन उनके साथ इसी प्रकार का व्यवहार करती है। बिना तराजू के वे व्यापार कैसे करें। क्या अब अपने बच्चों को हम जहर दे दें। अनलॉक होने के बाद भी हमारे साथ न्याय नहीं हो रहा है। इससे पहले भी निगम की कार्रवाई के खिलाफ ठेले वालों ने ऐसे ही हंगामा करते हुए ठेले पलटा दिए थे।
गुस्साए फल विक्रेताओं ने सड़क फल फेंक दिए थे।