डॉ. द्विवेदी बोले - मजबूत इम्यूनिटी वालों पर यह अटैक नहीं करता, मुंह खोलने या किसी चीज को चबाने में परेशानी हो तो सतर्क हो जाएं

Posted By: Himmat Jaithwar
6/2/2021

इंदौर। कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस बढ़ने से स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया है। वहीं, आयुष मंत्रालय ने भी फंगस की रोकथाम के लिए होम्योपैथी इलाज की गाइडलाइन जारी कर दी है। आयुष मंत्रालय के इस ट्रीटमेंट प्लान में इंदौर के होम्योपैथिक चिकित्सक डाॅ. एके द्विवेदी को भी शामिल किया गया है। इस पूरे मामले में दैनिक भास्कर ने बात की डॉ. द्विवेदी से। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस यानी म्यूकर माइकोसिस स्वस्थ और मजबूत इम्यूनिटी वाले लोगों पर अटैक नहीं कर पाता है, लेकिन जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें यह अपना शिकार बनाता है।

उनका कहना है कि ब्लैक फंगस का इलाज होम्योपैथी से भी किया जा सकता है। ब्लैक फंगस जिस तरह से एक अन्य बड़ी महामारी का रूप लेता जा रहा है, इसके रोकथाम तथा इलाज के लिए आयुष मंत्रालय ने गाइड लाइन जारी कर दी है। इस बीमारी से जिस प्रकार से मरीज परेशान हो रहे हैं और उन्हें जरूरी दवाएं नहीं मिल पा रही हैं, ऐसे में होम्योपैथिक दवाई काफी कारगर साबित हो सकती हैं। डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि, ब्लैक फंगस के साथ-साथ सालभर में कोविड के बाद या कोविड के कारण लोगों में कार्डियक अरेस्ट, जौण्डिस, लीवर एबस्केस, अक्यूट रेनल फेल्यूर, जीईआरडी, हाइटस हर्निया, हेमराॅइडिस, इंटरस्टियल लंग डिजीज, पल्मोनरी फाइब्रोसिस, पैरालिसिस, आईटीपी, एंजाॅइटी, डिप्रेशन, पेशाब संबंधी या अन्य कई बीमारियां होने की बात सामने आई है।

ये हैं लक्षण
सामान्य लक्षणों में तेज सिरदर्द, चेहरे, दांतों, आंखों में दर्द, नाक से काला द्रव या खून की पपड़ी निकलना, नाक का बंद होना, आंखों के आसपास सूजन आना, धुंधला दिखना, आंखें लाल होना, आँखों की रोशनी जाना, आंख खोलने और बंद करने में परेशानी महसूस करना, चेहरा सुन्न हो जाना, चेहरे में झुरझुरी महसूस करना, मुंह खोलने या किसी चीज को चबाने में परेशानी होना आदि लक्षण हो सकते है। शुरूआती लक्षण जैसे सिरदर्द, सुन्नपन आदि में होम्योपैथिक चिकित्सा काफी प्रभावी है।

इस प्रकार से करे परीक्षण
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि ब्लैक फंगस के लक्षण को जांचने के लिए लगातार अपने चेहरे को वाॅच करते रहें। यदि कहीं किसी प्रकार से चेहरे पर सूजन यर नाक, आंख या गाल पर सूजन नजर आए तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा कहीं छूने पर भी दर्द का एहसास हो तो सतर्क हो जाएं। इसके अलावा दांतों का गिरना, मुंह में सूजन या काला धब्बा दिखे तो भी तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

होम्योपैथी इलाज लेने पर अस्पताल जाने की जरूरत क्यों पड़ती है
डॉक्टर दुबे ने बताया कि होम्योपैथी इलाज इस बीमारी में काफी कारगर है। अस्पताल जाने की जरूरत इसलिए पड़ती है। क्योंकि इसका संक्रमण बहुत तेजी से होता है। ऐसे में कई बार ऑक्सीजन, आईवी तक की जरूरत पड़ जाती है। जैसे किसी को हम दवा दे रहे हैं, लेकिन उसका ऑक्सीजन लेवल कम होता तो उसे अस्पताल भेजना पड़ेगा। होम्योपैथी डॉक्टरों के पास यही एक कमी है कि उनके पास अस्पताल नहीं हैं। यदि आपकी बीमारी में डेथ होने जैसी कोई रिस्क नहीं है तो घर पर रहकर दवाई ली जा सकती है। गंभीर बीमार को तो हम सलाह देते हैं कि होम्योपैथी के साथ एलोपैथी भी ले सकते हैं।



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