इंदौर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले का मुख्य आरोपी सिटी अस्पताल का डायरेक्टर सरबजीत मोखा से एसआईटी मोबाइल का राज नहीं उगलवा पाई। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मोबाइल में ऐसा क्या राज था, जिसके बाहर आने से कई चेहरों के बेनकाब होने का डर था। मोखा की एक ही रट है कि उसका मोबाइल गायब हो गया। एनएसए में गिरफ्तारी के वक्त तक उसका मोबाइल आईसीयू में था।
मोखा के आईसीयू बेड से मोबाइल गायब होने का तर्क लोगों के गले नहीं उतर रहा है। सूत्रों की मानें तो मोबाइल की मदद से मोखा इस केस को प्रभावित करने की कोशिश बाद में कर सकता है। दरअसल, मोखा लाेगों की बातचीत रिकॉर्ड करता था। वहीं, उसके मोबाइल से भेजे गए मैसेज और डिलीट डाटा भी मिलने पर रिकवर हो सकता था।
एसआईटी पिछले पांच दिनों से मोखा को रिमांड पर लेकर कई दौर की पूछताछ कर चुकी है। मोबाइल को छोड़कर उसने सारी जानकारी दी। मोबाइल के बारे में अनभिज्ञता ही जाहिर करता रहा।
दो दिन में देवेश समेत अन्य आरोपियों के मोबाइल का आ जाएगा डाटा
एसआईटी ने इसके अलावा सिटी अस्पताल के दवा कर्मी देवेश, मैनेजर सोनिया खत्री, मोखा की पत्नी जसमीत, राकेश के छह मोबाइल का डिलीट हुआ डाटा रिकवर कराने भोपाल भेजा था। दो दिन में इसकी रिपोर्ट एसआईटी को मिल जाएगी। इसी के साथ ये भी पता चलेगा कि उक्त डिलीट डाटा में आरोपियों ने कौन से राज छुपाए थे?
टूटे कांच को सागर एफएसएल भेजेगी टीम
एसआईटी ने नकली रेमडेसिविर के देवेश और सोनिया व जसमीत से जब्त वायल और मोखा के प्लाट व नाले से जब्त टूटे वायल के कांच को सागर एफएसएल भेज रही है। वहां पता चलेगा कि साबुत वायल और टूटे वायल की कांच एक जैसी है। एफएसएल की यह रिपोर्ट इस केस में वैज्ञानिक साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत करने में मदद देगी।
सोमवार को मोखा की समाप्त हो रही रिमांड
पांच दिन की रिमांड पर लिए गए सरबजीत मोखा की रिमांड सोमवार को समाप्त हो रही है। दोपहर बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां से उसे जेल भेज दिया जाएगा। इसी के साथ गुजरात में गिरफ्तार और वर्तमान में इंदौर पुलिस के प्रोडक्शन वारंट में चल रहे आरोपी को पूछताछ के लिए जबलपुर लाने का प्रयास तेज करेगी। इंदौर पुलिस द्वारा अभी रीवा निवासी बिचौलिया सुनील मिश्रा, आशानगर आधारताल निवासी दवा फार्मा के संचालक सपन जैन, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली फार्मा के संचालक पुनीत शाह और कौशल बोहरा से पूछताछ की जा रही है।
ये है मामला
01 मई को गुजरात की मोरबी जिले की पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह काे पर्दाफाश किया था। वहां बनाए गए 465 नकली इंजेक्शन सिटी हॉस्पिटल और 35 सपन जैन ने लिए थे। सिटी अस्पताल में 209 इंजेक्शन का उपयोग 171 कोरोना संक्रमितों पर किया गया था। नौ मरीजों की मौत की बात सामने आ चुकी है।
गुजरात पुलिस ने सिटी हॉस्पिटल के लिए नकली इंजेक्शन खरीदने वाले आशानगर अधारताल निवासी सपन जैन को जबलपुर से 6 मई की देर रात गिरफ्तार किया। इसके बाद अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा, पत्नी जसमीत कौर, अस्पताल की मैनेजर सोनिया खत्री, अस्पताल में मेडिकल स्टोर चलाने वाले देवेश चौरसिया और हरकरण, एमआर राकेश शर्मा का नाम सामने आया और उन्हें गिरफ्तार किया गया।