खेत से आलू निकालते समय भाव 6 से 8 रु. मिले, किसान ने आलू-प्याज घर पर ही स्टोर किया, लॉकडाउन के कारण अब गोबर के गड्ढे में डाले

Posted By: Himmat Jaithwar
5/31/2021

इंदौर। लंबे लॉकडाउन के कारण मंडियां बंद होने से किसानों की फसलें खराब होने लगी हैं। इसके साथ ही कुछ दिन पहले भाव नहीं मिलने से घर पर रखे आलू, प्याज भी अब सड़क बदबू फैलाने लगे हैं। इसके कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। लाॅकडाउन की मार हातोद क्षेत्र स्थिति रतन खेड़ी गांव के किसान श्रीराम पिता कल्याण सिंह सोनगरा पर भी पड़ी है। उन्होंने अच्छे भाव की आस में आलू प्याज घर पर रख लिए थे, जो कि अब मंडी बंद होने से घर पर रखे-रखे सड़ रहे हैं। ऐसे में उन्होंने इन्हें आलू के 45 से 50 कट्टे गोबर के गड्ढे में डाले दिए।

श्रीराम ने बताया कि घर पर रखे आलू प्याज सड़ने लगे हैं। आलू खेत से निकालते समय मंडी में भाव कम था। इस कारण हमने घर पर आलू स्टोर कर रखा था। उस समय मंडी में भाव 6 से 8 रु. किलो बिक रहा था। ऐसे में लागत भी नहीं निकल पा रही थी। हमने बीज का आलू 30 रु. किलो के हिसाब से खरीदा था। खाद, दवाइयां उड़ाई, जिसमें काफी खर्च हुआ था। ऐसा मालूम भी नहीं था कि इतने समय लाॅकडाउन लगा दिया जाएगा और मंडी बंद हो जाएगी। बारिश होने से घर पर रखे प्याज भी खराब हो रहे हैं। ऐसे में मैंने आलू के 45 से 50 कट्टे गोबर के गड्ढे में डाले दिए।

मंडिया बंद होने से किसानों की घर पर रखी आलू प्याज की फसल सड़ने लगी है।
मंडिया बंद होने से किसानों की घर पर रखी आलू प्याज की फसल सड़ने लगी है।

किसान नेता बबलू जाधव ने बताया कि पहले ही सब्जी उत्पादक किसान बुरी तरह से बेहाल है। मंडिया बंद होने के कारण अपनी फसल नहीं बेंच पा रहे हैं। किसानों द्वारा लागत लगाने के बाद भी आज उनके हाथ खाली हैं और अब आलू, प्याज उत्पादक किसान जिन्होंने अपने घर पर स्टोर कर रखी वह फसल भी अब खराब होने लगी है। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द मंडी खोली जाएं। इसका एक कारण यह भी है कि खरीफ सीजन की फसल की तैयारी भी करना है। साथ ही पैसों की भी जरूरत है। फसल बिकेगी जब हमारे पास पैसे आएंगे और अगली फसल की तैयारी कर सकेंगे। साथ ही सब्जी उत्पादक किसानों का जो भी नुकसान हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति शासन द्वारा की जाए।

लौकी की फसल पर चलाया ट्रैक्टर
शहर से 60 किलोमीटर गौतमपुरा गांव के रुणजी क्षेत्र के सब्जी की फसल पर ट्रैक्टर चलाते दिख रहे हैं। किसान महेश भुत ने अपने 10 बीघा खेत मे लोकी की फसल लगाई थी। लोकी की फसल 60 दिनों में आना शुरू हो जाती है। परंतु फसल की बोवनी के कुछ दिनों बाद लॉकडाउन लग गया। किसान की फसल तैयार हुई, जब तक क्षेत्र व अन्य जिलों की मंडियों बंद हो गई लोकी खेत मे ही खराब होने लग गई। खेत तैयार करना था इसलिए ट्रैक्टर चला दिया। 4 लाख का नुकसान किसान को हुआ है।



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