नई दिल्ली। ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच टकराव कम नहीं हो रहा है। केंद्र ने बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंधोपाध्याय को सोमवार सुबह 10 बजे तक दिल्ली तलब किया था, लेकिन अभी तक अलापन दिल्ली नहीं पहुंचे। वे हावड़ा की नाबन्ना बिल्डिंग पहुंचे। यहां उन्हें कोविड रिलीफ से जुड़ी एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होना था। सूत्रों के मुताबिक अब केंद्र सरकार अलापन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है।
बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंधोपाध्याय हावड़ा की नाबन्ना बिल्डिंग में दाखिल होते हुए। नाबन्ना बंगाल का अस्थाई सेक्रेटेरिएट है।
केजरीवाल का केंद्र पर तंज- राजनीति के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है
इस बीच, केंद्र और ममता सरकार के टकराव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उतर आए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाए जाने के मामले का जिक्र अपने ट्वीट में एक न्यूज पेपर की कटिंग के जरिए किया है। उन्होंने लिखा है- ये समय राज्य सरकारों से लड़ने का नहीं, सबके साथ मिलकर कोरोना से लड़ने का है। ये समय राज्य सरकारों की मदद करने का है। ये समय राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध करवाने का है। सभी राज्य सरकारों को एकसाथ लेकर टीम इंडिया बनकर काम करने का है। लड़ाई-झगड़े और राजनीति के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है।
बंगाल में मोदी की मीटिंग में देर से पहुंचे थे बंधोपाध्याय
अलापन बंद्योपाध्याय चक्रवात यास के रिव्यू के लिए शुक्रवार को बुलाई गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग में देरी से पहुंचे थे। इसके बाद शाम को ही उन्हें दिल्ली बुलाने के आदेश जारी हो गए। रिटायर्ड सीनियर ब्यूरोक्रेट्स और लीगल एक्सपर्ट्स का मानना है कि केंद्र सरकार ने भले चीफ सेक्रेटरी को दिल्ली रिपोर्ट करने का आदेश दे दिया हो, लेकिन इसे लागू करना मुश्किल हो सकता है। उन्हें रिलीव करना राज्य सरकार के अधिकार में आता है। ऐसे में ममता उन्हें दिल्ली भेजने से इनकार कर सकती हैं। ममता ने कुछ दिन पहले ही बंद्योपाध्याय का कार्यकाल तीन महीने बढ़ाने की बात कही थी।
केंद्र ने दिल्ली बुलाने का आदेश जारी किया था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को बंगाल पहुंचे थे। वे यास तूफान से राज्य में हुए नुकसान का रिव्यू करने के लिए पहुंचे थे। इस मीटिंग में भी मुख्य सचिव अलापन बंधोपाध्याय देर से पहुंचे थे। जबकि ममता और बंधोपाध्याय उसी इमारत में मौजूद थे, जिसमें मोदी की मीटिंग चल रही थी। उनके देर से पहुंचने के बाद ही केंद्र ने उन्हें दिल्ली बुलाने का आदेश जारी कर दिया था।