इंदौर. सलमान खान के पिता सलीम खान दैनिक भास्कर से खास बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने इंदौर के लोगों से भी अपील भी की है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना को मुंहतोड़ जवाब देना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। सिर्फ घर पर रहना है और सुरक्षित रहना है। सबसे सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करनी है। मैं भी इसे फॉलो कर रहा हूं। सलमान भी कर रहे हैं। सलमान पनवेल वाले फाॅर्म हाउस पर अटके हुए हैं। उनके साथ बेटी अर्पिता, उनका परिवार और कुछ बच्चे भी हैं।
जीवन में पहली बार ऐसा हुआ है कि मेरा बेटा मुझसे 13 दिनों से दूर है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह मेरे बिना रो रहे हैं या फिर बहुत मिस कर रहे हैं। वह पूरी तरह समझ रहे हैं कि यह जिम्मेदारी लेने का वक्त है। दूर रहने में ही भलाई है। जज्बाती होने की कोई जरूरत नहीं है। बेटा-बाप से या बाप-बेटे से दूर रहकर ऐसे मौके पर एक दूसरे का भला ही कर रहा है। जब हम रह सकते हैं तो आप भी प्लीज जहां हैं वहीं रहें। अपने होमटाउन इंदौरवासियों से भी मेरा यही कहना है कि प्रशासन द्वारा दिए जा रहे निर्देशों का सख्ती से पालन करें। इसी में आपकी भलाई है।
मेरे तीनों बेटे समझदार हैं
मेरे तीनों बेटे समझदार हैं और सभी डॉक्टर्स द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कर रहे हैं। अरबाज और सोहेल मुंबई में मेरे करीब रहते हैं पर सलमान अभी पनवेल में हैं। उनसे ऑडियो कॉल पर ही बात होती है। वीडियो कॉल जैसी कोई जरूरत मुझे महसूस नहीं होती। लॉकडाउन खत्म हो जाएगा तो हम सभी फिर साथ हो जाएंगे। अभी तो ना मैं उनके पास जा सकता हूं, ना वह मेरे पास आ सकते हैं। हम चाहे कितने भी बड़े स्टार कोई क्यों ना हों पर हमने इस वक्त अपनी स्टार पावर यूज करना ठीक नहीं समझा।
पनवेल में अर्पिता के दो छोटे बच्चे भी हैं। लिहाजा इस माहौल में सलमान का वहां रहना बहुत जरूरी भी है। बाकी अरबाज, सोहेल और मेरी बेटी करीब में ही रहते हैं। जब जरूरत होती है या खाने पर तो वह हम लोग आपस में बात कर लेते हैं या इकट्ठे खा लेते हैं। मेरा तो शौक रहा है पढ़ने का तो वह मैं इन दिनों वही पूरा कर रहा हूं। कुछ एक्टिंग और स्क्रीनप्ले की किताबें पढ़ रहा हूं। साहित्य भी पढ़ता रहता हूं। एस्ट्रोलॉजी और होम्योपैथी में भी मेरा इंटरेस्ट है तो वह किताबें भी पढ़ रहा हूं। होम्योपैथी में कई सारी विधियां दी गई हैं, लेकिन वे कितनी कारगर हो सकती हैं कोरोना पर वह तो इस्तेमाल होने के बाद ही पता चल पाएगा।