सैलाना। कोरोना वायरस के कारण जहां एक और पूरा शहर पूरा देश थम सा गया है, वहीं दूसरी ओर छात्र छात्राओं के अध्यापन कार्य में कोई बाधा ना आए इसके लिए नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। शहर के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान आधार कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने छात्र छात्राओं के लिए ऑन लाइन क्लासेस के माध्यम से प्रतिदिन शिक्षक छात्र छात्राओं को न केवल नोट्स उपलब्ध कराते बल्कि उन्हें लेक्चर देते हैं। इस समय पूरा देश एकजुट होकर कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ रहा है। कोरोना वायरस से देश की जीत हो इसके लिए पूरे देश में इस समय लॉक डाउन चल रहा है। ऐसे में छात्र छात्राओं के अध्यापन कार्य में बाधा आ रही थी और उनके पाठ्यक्रम पूरे नहीं हो पा रहे थे। मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर द्वारा निर्देशित किया गया कि ऑन लाइन क्लासेस लेकर छात्र छात्राओं को अध्यापन कराया जाए।
आधार कॉलेज इसी राह में यह कार्य प्रदान कर रहा है। ऑडियो विजुअल के माध्यम से उन्हें लेक्चरर्स भी दिए जा रहे हैं, अगर किसी छात्र के पास कम्प्यूटर नहीं है तो अपने स्मार्ट फ ोन के माध्यम से भी ऑनलाइन क्लास के द्वारा अपनी पढ़ाई कर सकता है। ऑन लाइन स्टडी के साथ-साथ आधार कॉलेज के सभी कर्मचारी वर्क फ्राम होम से कार्य कर रहे हैं। सभी लॉक डाउन का पूरा पालन करें। छात्र-छात्राओं का अध्यापन कार्य भी प्रभावित ना हो, इसके लिए आधार कॉलेज ऑफ नर्सिंग के प्रिंसीपल संचालक रोहित शर्मा ने बताया कि कॉलेज में ऑनलाइन क्लासेस वर्क फ्राम होम शुरू कर दी गई है, इसी माध्यम से छात्रों को अध्यापन करवाया जा रहा है।
एक सप्ताह में आएंगे ऑक्सीजन सिलेंडर
रतलाम। देशभर में कोरोना वायरस से जंग के लिए रेलवे ने भले यात्री डिब्बों को आइसोलेशन वॉर्ड में तेजी से बदल दिया हो, लेकिन रेल मंडल मुख्यालय पर यह कार्य धीमे चल रहा है। डाउनयार्ड से नौ डिब्बे मैकेनिकल विभाग ने तैयार करके प्लेटफॉर्म नंबर सात पर सफाई के लिए भेज दिए लेकिन इनमे रेलवे के चिकित्सालय विभाग ने अब तक कोई सामान मुहैया नहीं करवाया है। करीब 100 ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए एक सप्ताह का इंतजार और करना होगा।
बता दे कि रेल मंडल में इंदौर, महू व रतलाम में आइसोलेटेड वॉर्ड बनाने का कार्य चल रहा है। यह कार्य रतलाम में 9 यात्री डिब्बे, इंदौर में 50 तो महू में 30 यात्री डिब्बों को बदला जा रहा है। लेकिन इनके कार्य को देखें तो गति बेहद कमजोर है। स्थिति यह है कि मंडल मुख्यालय में ही अब तक 9 में से मात्र 4 डिब्बे वो भी अधूरे तैयार हुए है। इसके अलावा अब तक मेडिकल से जुड़ा कोई संसाधन नहीं लग पाया है। अब तक रतलाम को एक भी सिलेंडर उपलब्ध नहीं हो पाया है। करीब एक सप्ताह इसके लिए इंतजार करने की बात की जा रही है।