भोपाल। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉक डाउन में पुलिस पूरी तरह से तैनात है और अपने निर्धारित कर्तव्य से 500% ज्यादा संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है यह दिखाई भी दे रहा है परंतु कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों को स्वस्थ करने के लिए डॉक्टर क्या कर रहे हैं, दिखाई नहीं दे रहा है। बीते रोज प्रीति पांडे ने एक वीडियो जारी करके AIIMS की पोल खोल कर रख दी। हालात यह है कि घबराए BANSAL HOSPITAL के डॉक्टर स्कंद त्रिवेदी ने कोरोनावायरस से संबंधित खबरें रोकने की अपील की
बंसल अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार भोपाल की मशहूर हार्ट सर्जन डॉ स्कंद कुमार त्रिवेदी ने एक वीडियो जारी करके अब अपील की है कि जहां तक हो सके कोरोना वायरस से संबंधित सिर्फ पॉजिटिव स्टोरी सुनाएं, पेशेंट की डेथ या पॉजिटिव पेशेंट की संख्या से समाज में डर पैदा हो रहा है। इसलिए इन खबरों को रोक देना चाहिए।
डॉ त्रिवेदी की दलील को सीएम शिवराज सिंह का समर्थन
यह माना जा सकता है कि प्राइवेट बंसल अस्पताल के हार्ट सर्जन डॉ स्कंद कुमार त्रिवेदी की अपील या दलील को सीएम शिवराज सिंह चौहान का भी समर्थन प्राप्त है। यह इसलिए भी माना जा सकता है क्योंकि डॉक्टर त्रिवेदी का वीडियो मध्य प्रदेश शासन के जनसंपर्क संचालनालय द्वारा जारी किया गया है। यह संचालनालय मुख्यमंत्री और पत्रकारों के बीच समन्वय का काम भी करता है।
यदि पत्रकारों ने आंकड़े नहीं दिखाए तो क्या होगा
यदि प्रतिष्ठित एवं विश्वसनीय समाचार संस्थानों ने कोरोना वायरस से संबंधित आंकड़े प्रदर्शित करना बंद कर दिया तो सोचिए क्या होगा।
व्हाट्सएप पर किसी भी तरह की अफवाह वायरल हो जाएंगी।
सोशल मीडिया पर लोग मनमाने आंकड़े वायरल कर देंगे।
SMS पर मनमाने समाचार भेज दिए।
यदिप्रतिष्ठित एवं विश्वसनीय समाचार संस्थानों ने डॉक्टर त्रिवेदी की बात मान ली तो लोगों में दहशत पहले से ज्यादा बढ़ जाएगी।
मामला क्या है
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी श्री राजकुमार पांडे की पत्नी श्रीमती प्रीति पांडे ने एक वीडियो जारी करके भोपाल स्थित एम्स अस्पताल की पोल खोल दी थी। राजकुमार कोरोनावायरस पॉजिटिव है, AIIMS अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। प्रीति पांडे ने बताया कि 2 दिनों में उन्हें चेक करने के लिए एक भी डॉक्टर नहीं आया। क्योंकि प्रीति पांडे एक हाउसवाइफ है, उनके वीडियो में मासूमियत और सच्चाई स्पष्ट समझ में आ रही है इसलिए वीडियो देशभर के सोशल मीडिया में वायरल हुआ। बदनामी से बचने के लिए AIIMS ने प्रीति पांडे के आरोपों का बिना किसी तथ्य और तर्क के खंडन करने की कोशिश की।
क्या अपना फेलियर छुपाना चाहते हैं डॉक्टर
अब बंसल अस्पताल के डॉक्टर त्रिवेदी का वीडियो सामने आया है। सवाल यह है कि जो मीडिया लॉक डाउन में पुलिस की तारीफ करते हुए उनका उत्साहवर्धन कर रही है। डॉक्टर त्रिवेदी और उनके साथी उसी मीडिया के सामने अपनी सफलता के मामले क्यों नहीं पेश करते। क्यों प्रमाणित नहीं किया गया कि श्री राजकुमार पांडे का एम्स में नियमित रूप से चेकअप किया गया। कोई सीसीटीवी फुटेज, कोई रिकॉर्ड, AIIMS के प्रेस नोट के साथ कुछ तो संलग्न करते। इंदौर में कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों की मृत्यु दर तेजी से बढ़ रही है। डॉक्टर त्रिवेदी क्यों चाहते हैं कि ऐसे हालात में चिकित्सा सेवाओं पर सवाल ना उठाए जाएं। क्या डॉक्टर त्रिवेदी को डर है कि जिस तरह AIIMS की पोल खुली उसी तरह किसी पेशेंट की फैमिली BANSAL HOSPITAL के बारे में भी वीडियो वायरल कर सकती है। क्या डॉक्टर त्रिवेदी के माध्यम से भोपाल और इंदौर के सरकारी डॉक्टर अपना फैलियर छुपाना चाहते हैं। दहशत का माहौल तो आतंकवाद के समय भी होता है। तब कोई आईपीएस अफसर खबरें रोकने की अपील नहीं करता बल्कि सीना तान कर कहता है कि सावधान रहें लेकिन चिंता की बात नहीं हम जल्द ही उन्हें खत्म कर देंगे।