नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से हिंसा फैलाने वालों के पोस्टर लखनऊ में लगाए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई शुरू हो हई है।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रख रहे हैं। मेहता ने कहा सभी 57 लोग हिंसा में शामिल थे। उन्होंने कहा कि निजता के अधिकार की सीमाएं है।
आपको बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।