भोपाल. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दो डॉक्टरों ने भोपाल पुलिस पर पिटाई करने का आरोप लगाया है। इनमें एक महिला भी है। डॉक्टर्स का कहना है कि पुलिस ने उनकी उस वक्त पिटाई की, जब वे इमरजेंसी में ड्यूटी पूरी करने के बाद घर जा रहे थे। घटना बुधवार रात करीब 9 बजे की है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर घटना की निंदा की। उन्होंने प्रदेश सरकार से मामले की जांच कराने की मांग की। मामला सामने आने के बाद डीआईजी ने एक कॉन्स्टेबल को लाइन अटैच कर दिया है।
बाग सेवनिया पुलिस का कहना है कि लॉकडाउन के बावजूद एम्स के पास कुछ दुकानें खुलने और लोगों के सामान खरीदने की सूचना पर पुलिस पहुंची। इसके बाद पहुंची पुलिस ने लोगों को वहां से खदेड़ दिया। इसी दौरान कुछ लोगों को चोट पहुंची होंगी। पुलिस ने डॉक्टर के साथ मारपीट संबंधी घटना से इंकार किया। जबकि डॉक्टर का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की। पुलिस का कहना है कि संबंधित डॉक्टर अपनी परिचित के साथ बगैर मॉस्क के सामान खरीदने गए थे। डॉक्टर का कहना है कि वे मॉस्क लगाए थे।
डॉक्टर्स एसोसिएशन ने जताई नाराजगी
भोपाल एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) ने घटना को लेकर नाराजगी जताई। संगठन ने निदेशक को लिखे पत्र में कहा- डॉक्टर्स मुश्किल हालात में काम कर रहे हैं। ड्यूटी से घर जा रहे दो डॉक्टर्स से मारपीट करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। पुलिस का गैरजिम्मेदार व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पीड़ित डॉक्टरों ने भी लिखा पत्र
डॉ. रितुपर्ना और डॉ. युवराज सिंह ने एम्स के निर्देशक को पत्र लिखकर कहा है कि वे अपनी शिफ्ट पूरी करने के बाद एम्स के गेट नंबर एक से बाहर निकल रहे थे। उस समय गेट के पास कुछ पुलिसकर्मी तैनात थे। पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोककर अभद्र भाषा में बाहर घूमने का कारण पूछा। इस पर दोनों डॉक्टर्स ने उन्हें अपने पहचान पत्र दिखाए और अस्पताल से ड्यूटी खत्म होने के बाद घर जाने की बात कही। दोनों डॉक्टर्स का आरोप है कि उनका जवाब सुनते ही पुलिसकर्मियों ने उनसे मारपीट शुरू कर दी और गाली-गलौज की। पुलिस की मारपीट में डॉ. रितुपर्ना के पैर और डॉ. युवराज सिंह के हाथ में चोट आई।
डीआईजी ने कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर किया
गुरुवार को मामला सुर्खियों में आने के बाद डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि प्रथम दृष्यता आरोपी कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा- ये बेहद शर्मनाक
कमलनाथ ने यह भी कहा- सरकार यह सुनिश्चित करे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना हो, इसको लेकर प्रदेश में निर्देश जारी करे।