भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस बाहर से आई जमातों के कारण फैला है। प्रदेश में अचानक संक्रमण के मामले सामने आने पर जब सरकार ने जमातियों की जांच करने स्वास्थ्य विभाग और पुलिसकर्मियों को लगाया तो वे संक्रमित हो गए। अब भी कुछ तब्लीगी जमाती इधर-उधर छिपे हैं। उनकी तलाश की जा रही है। हम जमातियों और उनके संपर्क में आए लोगों से अपील करते हैं वे खुद जिएं और दूसरों को जीने दें। अपना परीक्षण और इलाज कराएं। अगर फिर भी वे सामने नहीं आते तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि अभी प्रदेश के हालत ऐसे नजर नहीं आ रहे हैं कि लॉकडाउन को समाप्त कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमें दिल्ली से प्रदेश में जमातियों के आने की जानकारी मिली तो तलाश शुरू हुई और संक्रमित जमातियों की संख्या तेजी से बढ़ी, लेकिन उनसे हमारे अधिकारी भी संक्रमित हो गए। जमातियों के आने और उनके यहां ठहरने की जानकारी छिपाने समेत अन्य बिंदुओं की जांच की जा रही है। इंदौर, भोपाल सिरोंज, इटारसी समेत संक्रमित लोगों की जो हिस्ट्री मिल रही है वे लोग बाहर से आए जमातियों के संपर्क में आए हैं। कई जमातियों को भी संक्रमण हुआ है।
जमातियों ने संक्रमित होने के बाद भी छिपाए रखा, इससे तेजी से फैला संक्रमण
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमे उनकी सेहत की चिंता है और उनका बेहतर इलाज करा रहे हैं। सरकार शुरू से लोगों से जानकारी देने का आग्रह कर रही है। इसके बाद भी लोग सामने नहीं आए। हमने उन्हें तलाशने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और पुलिकर्मियों को लगाया। सिरोंज में जमात का एक व्यक्ति चला गया और नागदा में भी इंदौर के एक संक्रमित व्यक्ति के कारण लोग कोरोना के संपर्क में आ गए। विदिशा में एक बच्ची महिला जमातियों के संपर्क में आने से संक्रमित हो गई। जमात के लोगों ने संक्रमित होने के बाद भी खुद को छिपाए रखा और वे जहां-जहां रहे, उस दौरान अन्य लोगों को भी संक्रमित करते रहे।
ऐसे हालात में लॉकडाउन हटाना नामुमकिन
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर, भोपाल समेत अन्य जिलों में जो हालात बीते दो दिन में सामने आए हैं उसे देखते हुए लॉकडाउन हटाना मुश्किल लग रहा है। यदि एकदम लॉकडाउन खोला गया तो कोरोना का खतरा और बढ़ सकता है, तब उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाएगा। हमारे लिए सबसे जरूरी लोगों की जान बचाना है। कोरोनावायरस को अमेरिका की तरह हंसी-खेल में नहीं ले सकते। अमेरिका ने शुरू में इसकी गंभीरता नहीं समझी, इसलिए अब वह ज्यादा परेशानी में हैं।