ट्रंप के दबाव में झुकी मोदी सरकार, 1971 में इंदिरा ने दिया था करारा जवाब: कांग्रेस

Posted By: Himmat Jaithwar
4/9/2020

कोरोना वायरस के संकट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने भारत की राजनीति में भूचाल ला दिया. बीते दिनों हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति के धमकी भरे बयान पर कांग्रेस आगबबूला है. बुधवार को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भारत ने अमेरिका के दबाव में आकर दवाई के निर्यात से तुरंत बैन हटा दिया, जो देश की कमजोर छवि को पेश करता है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच जंग चल रही थी, तब भी अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की गई थी. लेकिन तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी किसी दबाव में नहीं आई थीं और करारा जवाब दिया था.

पवन खेड़ा बोले कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर जिस तरह का बयान डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दिया गया है, उसका प्रभाव लोगों पर सही नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा कि अन्य देशों ने भी मदद मांगी है, जिसमें ब्राजील के राष्ट्रपति की चिट्ठी भी शामिल है.

कांग्रेस की ओर से कहा गया कि चाहे दवाई हो या फिर पीपीई, सभी पर पहले 130 करोड़ भारतीयों का हक है उसके बाद निर्यात पर विचार किया जा सकता है.

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि अगर भारत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई नहीं करता तो अमेरिका कड़ी कार्रवाई करता. इसी बयान के बाद भारत में काफी बवाल हुआ था.

इस बयान के बाद भारत की ओर से कुछ चिन्हित दवाईयों पर लगी निर्यात की रोक को हटा दिया था, जिसमें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भी शामिल है. अब गुजरात की तीन कंपनियां अमेरिका को ये दवाई सप्लाई करेंगी.

भारत के इस फैसले के बाद डोनाल्ड ट्रंप इस फैसले से भी पलट गए थे, बुधवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और कहा कि उन्होंने संकट के वक्त में अमेरिका की मदद की. 



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