भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी अधिकारियो और कर्मचारियों को एक बड़ी खुशखबरी दी है. प्रदेश के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की पेंशन में सरकार ने 4 प्रतिशत अंशदान बढ़ा दिया है. मंगलवार को हुई शिवराज सरकार की कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया था. जिसके बाद आज वित्त विभाग की तरफ से यह आदेश जारी कर दिया गया है.
2005 के बाद भर्ती अधिकारियों-कर्मचारियों के मिलेगा फायदा
मध्य प्रदेश में 2005 के बाद भर्ती हुए अधिकारियों-कर्मचारियों को इस योजना का फायद मिलेगा. दरअसल, अब तक राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत अधिकारियों-कर्मचारियों की सैलरी में 10-10 प्रतिशत अंशदान जमा करते हैं. लेकिन अब राज्य सरकार की तरफ से 4 प्रतिशत अंशदान बढ़ाया गया है.
4.49 लाख कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
एक अप्रैल 2021 अधिकारियों-कर्मचारियों पेंशन में यह राशि बढ़ा दी जाएगी. सरकार के फैसले से प्रदेश के 4.50 लाख कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा. इस योजना का लाभ 2,18,761 नियमित और दैनिक वेतनभोगी और 2,30,619 अध्यापक संवर्ग के सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा.
यह है योजना
दअरसल, 2005 के बाद जिन सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की भर्ती हुई है. उनके लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू है. इस योजना के तहत अधिकारी-कर्मचारी अपनी सैलरी यानि वेतन का जितना हिस्सा अंशदान के रूप में जमा करते हैं उतनी ही राशि केंद्र और राज्य सरकार भी मिलाती है.
2019 में केंद्र सरकार ने बढ़ाई थी राशि
एक अप्रैल 2019 से केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की यह अंशदान राशि 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दी थी. राज्य सरकार ने 20 मार्च 2020 से यह प्रावधान मध्य प्रदेश में कार्यरत अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए लागू कर दिया है, लेकिन इसका लाभ प्रदेश के कर्मचारियों को नहीं दिया गया था. प्रदेश में आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों को तो इस योजना का लाभ मिल रहा था. लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था. ऐसे में अब शिवराज सरकार ने भी 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी है जिससे राज्य के कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलना शुरू हो हो जाएगा.
बजट में हुई थी घोषणा
शिवराज सरकार द्वारा पेश किए गए राज्य के बजट में कर्मचारियों को 4 प्रतिशत अंशदान बढ़ाने की घोषणा की गई थी. वित्त विभाग की तरफ से बताया कि अब कर्मचारियों का मासिक अंशदान वेतन और महंगाई भत्ते का दस प्रतिशत और शासन का अंशदान 14 प्रतिशत होगा. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों में खुशी है.