केंद्र सरकार की घोषणा पर सभी की नजरें, बड़े उद्योग जरूरी कर्मचारियों को बुलाएंगे; मुंबई में लॉकडाउन खुलने की संभावना बहुत कम

Posted By: Himmat Jaithwar
4/9/2020

मुंबई. कोरोना संकट से बचने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन 14 अप्रैल को भले ही खत्म हो रहा हो, लेकिन सरकार इसे एक साथ खत्म ना करते हुए किस्तो में खत्म करना की तैयारी कर रही है। हालांकि कई राज्य सरकारें अभी तक लॉकडाउन को खोलने के पक्ष में नहीं हैं। ज्यादातर कॉर्पोरेट समूह अभी भी केंद्र सरकार की अंतिम घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगले हफ्ते केंद्र सरकार इस बारे में कोई ठोस घोषणा कर सकती है और उसके बाद कॉर्पोरेट समूह कदम उठाएंगे। हालांकि मुंबई में अभी भी लॉकडाउन खोलने की संभावना बहुत कम है क्योंकि अकेले मुंबई में ही कोरोना के मरीजों की संख्या 600 से ऊपर हो गई है और यहां पर जितने भी कमर्शियल इलाके हैं वे पहले से ही कोरोना की चपेट में हैं।
मुंबई के प्रमुख इलाकों में कोरोना का ज्यादा प्रभाव

मुंबई के प्रमुख इलाकों को देखें तो वरली इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित है और यहां पर ही महिन्द्रा समूह, इंडिया बुल्स, एक्सिस बैंक, दुनिया की सबसे लंबी 100 महले की इमारत, तमाम म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों के कार्यालय सहित काफी कुछ यहां पर है। इसी तरह बीकेसी जो बांद्रा में आता है, वहां पर भी काफी मरीज इससे प्रभावित हैं और यहीं से सटा धारावी इलाका जहां पर कोरोना की शुरुआत हो चुकी है और यह मुंबई के लिए सबसे खतरनाक इलाका है क्योंकि यह एशिया का सबसे बड़ा झोपड़पट्‌टी इलाका है।
इसी तरह अंधेरी, खार, दादर, प्रभादेवी जैसे अन्य इलाके भी पूरी तरह से कोरोना की चपेट में हैं। ऐसे में मुंबई में लॉकडाउन खोलना सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है। अगर लॉकडाउन खुलता भी है तो यह सिर्फ निजी कार वालों के लिए और बहुत जरूरी सेवाओं के लिए खोला जा सकता है। यहां की लोकल ट्रेन और बेस्ट की बसों को जिसमें दिन भर में 50 लाख यात्री यात्रा करते हैं, वह फिलहाल नहीं खुलने वाली है।

महाराष्ट्र के गृहमंत्री का कहना
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भास्कर को बताया कि अभी तक हमने कोई फैसला नहीं लिया है। उनका कहना है कि अभी तक 14 अप्रैल को ही माना जा रहा है पर इस पर फैसला बाद में लिया जाएगा। दिल्ली में सत्तारूढ आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता संजय सिंह कहते हैं कि यह तो मोदी जी से पूछना चाहिए कि वह क्या कर रहे हैं? हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि किस तरह की योजना आगे होगी।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक अभी तक इस बार पर योजना बनाई जा रही है कि इसे कैसे खोला जाएगा। यानी शहरों को खोलकर पता किया जाए या फिर किसी और तरीके से पता किया जाए। इस अधिकारी के मुताबिक अभी तक तो यही योजना है कि आंशिक तौर पर कुछ कुछ खोलने की उम्मीद है। हालांकि राज्यों की सीमाओं को तो बंद ही रखा जाएगा। उद्योग जगत भी इसमें अभी तक दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। 

एलआईसी, गोदरेज, वेदांता क्या कह रहे
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी और अग्रणी उद्योग घराना गोदेरज समूह भी कुछ कहने से बच रहे हैं। भास्कर से बातचीत में गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज ने भास्कर को बताया कि वे इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। हालांकि एलआईसी ने भी कहा कि हम अभी देखो और इंतजार करो की रणनीति पर काम कर रहे हैं। वेदांता समूह ने कहा कि हम अभी 25 फीसदी कर्मचारियों के साथ काम कर रहे हैं। लेकिन पूरी तरह से कर्मचारियों को काम पर बुलाने का फैसला लॉकडाउन के हटने के बाद होगा, जिस पर हम अभी कुछ नहीं कह सकते है।
म्यूचुअल फंड कंपनियों का कहना
म्यूचुअल फंड कंपनियों का कहना है कि वे 15 अप्रैल से जरूरी कामों के लिए ऑफिस जाएंगे। एक अग्रणी म्यूचुअल फंड कंपनी के सीईओ ने कहा कि हम बहुत ही जरूरी सेक्शन के जो लोग हैं, उन्हें 15 अप्रैल से बुलाएंगे और उनको निजी कार के जरिए बुलाया जाएगा, ताकि किसी तरह से वे भीड़ में आने से बच सकें।
विमानन कंपनियों का रुख स्पष्ट नहीं

उधर दूसरी ओर विमानन कंपनियों ने भी अभी तक अपने रूख स्पष्ट नहीं किए हैं। एक ओर जहां एयर इंडिया ने अभी तक बुकिंग शुरू नहीं की है, वहीं दूसरी ओर स्पाइसजेट और गो एयर तथा इंडिगो ने भी पूरी तरह से बुकिंग नहीं शुरू की है। स्पाइसजेट ने दिल्ली के लिए 10 फ्लाइटों में से केवल 6 फ्लाइट की बुकिंग शुरू की है। जबकि इसी तरह गो एयर सहित अन्य एयरलाइनों ने भी अभी तक कुछ ही बुकिंग शुरू की है। विमानन कंपनियों ने 15 अप्रैल से मुंबई से वाराणसी जैसे रूटों पर किराये में तीन गुना वृद्धि कर दी हैं। जो किराया पहले 5000 रुपये होता था वह अब 18,000 रुपये हो गया है।



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