उज्जैन। कोरोना के साथ इंसानियत भी मरने लगी है। ठीक हुए मरीज पर ब्लैक फंगस की दोहरी मार पड़ रही है। कुछ लोग आपदा को अवसर बनाकर कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे है। उज्जैन में ऐसे ही एक मेडिकल की दुकान पर पुलिस ने कार्रवाई की। यहां सीएसपी ने जरूरतमंद बनकर इंजेक्शन का सौदा किया। 7500 रुपए की कीमत वाला इंजेक्शन के दाम 36 हजार रुपए बताए। यह स्थिति तब है, जब मेडिकल संचालक की पत्नी 15 दिन पहले कोरोना से दम तोड़ चुकी है।
उज्जैन SP सत्येंद्र शुक्ल ने बताया कि जानकारी मिली थी कि मुसद्दीपुरा स्थित मानस इंटरप्राइजेस पर ब्लैक फंगस में काम आने वाले इंजेक्शन मिल रहे हैं। इस पर उज्जैन CSP पल्लवी शुक्ला ग्राहक बनकर मानस इंटरप्राइजेस पहुंची। मेडिकल संचालक जुगल किशोर ने 7500 रुपए की कीमत वाला इंजेक्शन के दाम 36 हजार रुपए बताए। ब्लैक फंगस बीमारी में काम आने वाले इंजेक्शन फिलहाल कलेक्टर के माध्यम से ही आवंटित किए जा रहे हैं। इसके बावजूद खुले आम जुगल किशोर इन इंजेक्शन का सौदा कर रहा था।
7500 का इंजेक्शन 36 हजार रुपए में सौदा
SP ने बताया कि ब्लैक फंगस में काम आने वाले इंजेक्शन की मानस इंटरप्राइजेस का मेडिकल संचालक द्वारा कालाबाजारी की सूचना मिली थी। जब टीम को ग्राहक बनाकर भेजा तो सहजता से आरोपी ने तीनों अलग अलग इंजेक्शन amphotericin b , liposomal amphotericin b और caspofungin injection के चार गुना दाम बताए। इसमें तीन इंजेक्शन का सौदा 1 लाख रुपए से अधिक में तय होते ही सीएसपी शुक्ला ने amphotericin b के 10 इंजेक्शन, liposomal amphotericin b 3 इंजेक्शन और caspofungin injection के भी 3 इंजेक्शन जब्त कर आरोपी जुगल किशोर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को ये भी पता चला कि 10 एमजी का 1500 रुपए एमआरपी से ज्यादा 5000 रुपए में इंजेक्शन बेच रहा था। आरोपी ने कुछ और इंजेक्शन उज्जैन के सिविल अस्पताल में दिलवाने की बात कही थी। इस पर भी पुलिस छानबीन कर रही है।
पत्नी की कोविड से मौत फिर भी कालाबाजारी
मुख्य आरोपी मेडिकल संचालक जुगल किशोर की पत्नी की 15 दिन पहले ही कोरोना से मौत हुई है। बावजूद भी आरोपी ने अपनों को खोने का दर्द नहीं समझा और ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की काला बाजारी करने लगा। फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420 समेत काला बाजारी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस को शुरुआती रूप में उत्तर प्रदेश से इंजेक्शन लाने की बात पता चली है।