मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वाइन करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को भाजपा में शामिल होने पर बधाई। भाजपा के मप्र के नेताओं को भी मेरी हार्दिक बधाई।'
सिंधिया के बीजेपी ज्वाइन करने से पहले दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि दरकिनार किए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने सिखा, 'कृपया ग्वालियर चंबल संभाग से विशेष रूप से मध्य प्रदेश के किसी भी कांग्रेस नेता से पूछें तो आपको पता चलेगा कि पिछले 16 महीनों में उनकी सहमति के बिना इस क्षेत्र में कुछ भी नहीं हुआ। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।'
ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही उनके समर्थक पार्टी के 22 विधायकों के इस्तीफे से राज्य की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कांग्रेस छोड़ने वाले 49 वर्षीय सिंधिया केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उनकी दादी दिवंगत विजय राजे सिंधिया इसी पार्टी में थीं।
सिंधिया क्या इस्तीफे पर क्या बोली कांग्रेस?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के कदम की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने लोगों के साथ विश्वासघात किया है और 'व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा' को विचारधारा से ऊपर रखा।
मध्य प्रदेश का नंबर गेम
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में दो सीटें फिलहाल रिक्त हैं। ऐसे में 228 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास मामूली बहुमत है। अगर 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं तो विधानसभा में सदस्यों की प्रभावी संख्या महज 206 रह जाएगी। उस स्थिति में बहुमत के लिये जादुई आंकड़ा सिर्फ 104 का रह जाएगा। कांग्रेस के पास सिर्फ 92 विधायक रह जाएंगे, जबकि भाजपा के 107 विधायक हैं।
कांग्रेस को चार निर्दलीयों, बसपा के दो और सपा के एक विधायक का समर्थन हासिल है। उनके समर्थन के बावजूद कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से दूर हो जाएगी। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि निर्दलीय और बसपा और सपा के विधायक कांग्रेस का समर्थन जारी रखेंगे या वे भी भाजपा से हाथ मिला लेंगे।