भोपाल. देश में जारी लॉकडाउन में सफेद वर्दीधारी स्टेशन मास्टर शहर, प्रदेश और देश में लोगों के लिए मालगाड़ियों से जरूरी सामान की सप्लाई लगातार करवा रहे हैं। इनमें महिला स्टेशन मास्टर भी शामिल हैं, जो परिवार की चिंता किए बगैर फर्ज के लिए ड्यूटी पर तैनात हैं।
भोपाल रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों पर ही इनकी संख्या करीब 400 और पश्चिम-मध्य रेलवे जोन में आने वाले तीनों मंडलों भोपाल, जबलपुर और कोटा में 1400 है। मालगाड़ियों में लोगों के लिए लगातार आटा, चावल से लेकर शक्कर और तेल तक भेजा जा रहा है। भोपाल में डिप्टी स्टेशन मास्टर अरविंद कुमार जैन ने बताया कि हमें अभी अपने परिवार की चिंता किए बगैर ड्यूटी करना है सरकार ने हमें मेडिकल स्टाफ की तरह हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में शामिल नहीं किया है।
दोहरी जिम्मेदारी... महिलाकर्मी भी उठा रही जोखिम, ड्यूटी और परिवार दोनों जरूरी
कंट्राेल रूम में मालगाड़ियाें का संचालन कर रहीं मिताली डे ने बताया कि महिला स्टेशन मास्टरों पर ड्यूटी के साथ परिवार की भी जिम्मेदारी रहती है। हम तीन-तीन शिफ्ट में लगातार ड्यूटी करते हैं। डिप्टी स्टेशन मास्टर केसी सक्सेना ने बताया कि महिला कर्मियों में भी खासा उत्साह है। वे सभी सावधानियों का ख्याल रख रही हैं।
बच्चों से मिल तो पाते हैं, लेकिन चाहकर भी गले नहीं लगा पाते...
ड्यूटी के दौरान स्टेशन मास्टरों के मन में डर रहता है। भोपाल स्टेशन पर ड्यूटी कर रहे सुदीव राघव और उमेश शर्मा ने बताया कि जब वे घर लौटते हैं, तो डरे, सहमे हुए दरवाजे पर दस्तक देते हैं। बच्चे भीे पापा से गले लगना चाहते हैं, लेकिन संक्रमण के डर से मन पसीज जाता है। ऐसी ही हालत महिला स्टेशन मास्टरों की भी हो रही है।
यूनियन करेगा 22 करोड़ की मदद
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन की ओर से आने वाले दाे महीनों तक दाे-दाे दिन का वेतन कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए दिया जाएगा। देशभर से यह राशि 22 करोड़ से ज्यादा होती है। इसके अलावा हमारे स्टेशन मास्टर्स जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, जो लगातार ड्यूटी कर रही हैं। उन पर रेलवे अधिकारियों के साथ देश के आम लोगों को भी गर्व होना चाहिए।