भिंड। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के भिंड सर्किल में इन दिनों रात के बिजली के फाॅल्ट आने पर लोगों की सुनवाई नहीं होती। रात के समय डिवीजन पर एफओसी टीम आराम करती है। यह टीम सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक ही सक्रिय रहती है।
भीषण गर्मी के बीच रात में बिजली सप्लाई ठप होते ही नींद में खलल पड़ता है। कई बार लोगों को बिना नीद पूरी किए रात निकालने पर विवश होना पड़ता है। यह हाल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के पड़ोसी जिले भिंड का है। भिंड जिले में बिजली सप्लाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त नजर आ रही है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के ट्रांसफार्मरों में फाल्ट आने के बार जिले के कस्बा स्तर पर कोई सुनवाई नहीं होती है। रात के समय बिजली का तार टूटना। फाल्ट आना जैसी समस्या को अनदेखा किया जाता है। रात के समय बिजली कंपनी के अफसरों के भी मोबाइल रिसीव नहीं होते हैं। ऐसे में उपभोक्ता को सुबह का इंतजार करना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि जिले के भिंड शहरी क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो अटेर डिवीजन, गोहद, डिवीजन, लहार डिवीजन और मेहगांव डिवीजन में सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक ही एफओसी टीम सक्रिय रहती है।
इस दौरान सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक एक एफओसी टीम काम करती है। दूसरी एफओसी टीम की टाइमिंग शाम 4 बजे से रात 12 बजे तक रहती है। बिजली कंपनी के रिकॉर्ड में रात के समय दो या तीन कर्मचारी मेंटेनेंस के लिए तैनात रहते है। वे समस्या का समाधान करेंगे। यह मेंटेनेंस टीम के पास एफओसी पर की गई शिकायतों के मैसेज नहीं आते है। इसलिए सुबह 8 बजे के बाद ही ही फाल्ट में सुधार होता है।
ना वाहन और ना कर्मचारी
भिंड जिले में दो लाख से अधिक उपभोक्ता है। शहरी क्षेत्र के अलावा चार डिवीजन है। हर डिवीजन पर प्रतिदिन चार सौ से पांच से शिकायतें आती है। इन शिकायतों को हल करने में एफओसी टीम सुबह से रात तक चकरघिन्नी रहती है। हर एफओसी टीम पर एक ही वाहन है जो कि हर रोज 16 घंटे दौड़ता है। इन टीमों में 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारी है। जोकि बिजली पोल पर चढ़ने असमर्थता जाहिर करते हैं। कर्मचारियों की कमी व वाहन की उपलब्धता का अभाव होने पर इस तरह की समस्या बन रही है।
डिवीजन स्तर पर बिजली मटेरियल तक नहीं
डिवीजन स्तर पर तैनात कर्मचारी हर वक्त एक ही बात कहते नजर आते है कि ना डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स है। ना एसएलडी बॉक्स। केबल भी कंडम है, लोड बढ़ने पर जल रही है। पूरे जिले में अधिकांश ट्रांसफार्मर हांफ रहे है। किसी से तेल रिसाव कर रहा तो तो किसी के जंपर टूट रहे है। बिजली कर्मचारियों का कहना है कि सुधार करने के लिए विभाग में कंडक्टर नहीं मिल रहे हैं। बिजली मटेरियल न होने पर जुगाड़ तुगाड़ से काम कर रहे हैं।
ऊर्जा मंत्री से नहीं हो सकी बात
इस पूरे मामले में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से बातचीत करनी चाही। उनके एक फोन नंबर को किसी युवक ने उठाया और उसने दूसरा नंबर दिया और कहा कि मंत्री जी आउट ऑफ सिटी है। जब दूसरे नंबर पर फोन संपर्क करना चाहा। बार-बार फोन करने पर भी रिसीव नहीं हो सका। इधर, भिंड जिले के महाप्रबंधक दिनेश सुखीजा का कहना है कि एफओसी टीम रात में कहां-कहां काम नहीं करती है। यह जानकारी जुटा रहा हूं। लोगों की शिकायतों के समाधान को लेकर पूरी तरह सक्रिय हैं।