रतलाम। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पिछले 15 वर्षों में मध्यप्रदेश की सड़कों को बेहतरीन बनाया गया है। गांव-गांव तक सड़कें पहुंचाई गई हैं। अब अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इन सड़कों का नियमित रूप से संधारण हो एवं समय-समय पर आवश्यक मरम्मत आदि की जाए, जिससे सड़कें खराब ना हों। उन्होने कहा कि हर हाल में 15 जून, 2020 से पहले ये कार्य समाप्त कर लिये जाएं। मुख्यमंत्री मंत्रालय में प्रदेश की सड़कों की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
टेंडर आदि औपचारिकताएं पूर्ण करके रखें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में जैसे ही लॉक डाउन खुलता है, सड़कों की मरम्मत एवं संधारण के कार्य प्रारंभ किये जाएं। इसके लिए पहले से टेंडर एवं अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करके रखी जाएं, जिससे संधारण कार्य तुरंत प्रारंभ कराया जा सके।
संधारण कार्य में धन राशि की कमी नहीं आने दी जाएगी
लोक निर्माण विभाग द्वारा बताया गया कि प्रदेश में 5954 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हैं, जिनमें से 4805 किलोमीटर सड़कों का संधारण करा लिया गया है। शेष सड़कों की संधारण के लिए विभाग द्वारा 80 करोड रुपए की मांग की गई है। इसमें से 29 करोड रुपए प्राप्त हो गए हैं। वर्तमान में लॉक डाउन के कारण कार्य बंद है। लेकिन लॉक डाउन खुलते ही कार्य प्रारंभ करायें जाएंगे। बताया गया कि कार्य में लेबर की समस्या नहीं आएगी क्योंकि विभाग के पास कार्य के लिये 20 हज़ार की वर्किंग टीम है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि संधारण कार्य के लिए धनराशि की कमी नहीं आने दी जाएगी
पूरे करने हैं 125 ब्रिज
अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि बरसात से पूर्व 125 ब्रिज का कार्य पूरा करना है। इसके बाद 265 पुल बचेंगे, जिन्हे बारिश के बाद पूरा किया जाएगा। इसी प्रकार, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 1620 ग्रामों में सड़कें बनाई जानी हैं। उन्होंने बताया कि 665 ग्रामीण सड़कों के संधारण के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं।
कोरोना संबंधी बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की त्रि-स्तरीय व्यवस्था
रतलाम। कोरोना संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा उपयोग किये जा रहे पीपीई किट्स तथा मरीजों के उपचार संबंधी बायोमेडिकल वेस्ट में नागरिकों द्वारा बड़ी संख्या में उपयोग किये जा रहे मास्क तथा अन्य उपकरणों के उपयोग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। नगरीय विकास तथा आवास विभाग ने वेस्ट के निस्तारण के लिये विभिन्न स्थानों में त्रिस्तरीय व्यवस्था की है।
वेस्ट निस्तारण की पहली व्यवस्था के अंतर्गत अस्पतालों और सेम्पल कलेक्शन सेंटर्स में उपयोग किये गये पीपीई किट्स और मेडिकल वेस्ट का निस्तारण इंसीनेरेशन (inciniration) के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा। दूसरी श्रेणी में होम क्वारंटाइन तथा क्वारंटाइन स्थानों में प्रयुक्त होने वाले सुरक्षा वस्त्र, मास्क, दस्ताने, ट्यूब, सीरीन्ज, दवाईयां और उपयोग में लायी गयी अन्य वस्तुओं को अलग से पीले रंग के बैग में संकलित कर ऐसे आवासों/स्थानों से पृथक वाहन के माध्यम से इंसीनेरेशन फेसेलिटी संचालित करने वाले व्यक्ति को इंसीनेरेशन के लिये सौंपी जायेगी। शेष कचरे को घरेलू कचरे की तरह निस्तारित किया जाएगा। तीसरी श्रेणी में अतिरिक्त सामान्य (कोरोना अप्रभावित) नागरिकों के द्वारा उपयोग किये जा रहे मास्क, दस्ताने तथा अन्य उपकरणों को कचरा इकट्ठा करने वाले वाहन में अलग से इकट्ठा कर उनका निस्तारण पहले की तरह डोमेस्टिक हेजार्डस वेस्ट एसडब्ल्यूएम रूल्स 2016 के अनुसार किया जाएगा।
प्रदेश के जिन नगरीय निकायों में इंसीनेरेशन की व्यवस्था नहीं है। वे समीप के उन स्थानों/निकायों/अस्पतालों, जहां यह व्यवस्था है, वहां निर्धारित मूल्य पर अनुबंध कर बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण सुनिश्चित करेंगे। स्वच्छता एप एवं डोर टू डोर कलेक्शन वाहनों में पब्लिक सिस्टम के माध्यम से आम नागरिकों को इस व्यवस्था की जानकारी देने के निर्देश दिये गये है।