रतलाम। रतलाम के सपूत शहीद कन्हैयालाल जाट पंचतत्व में विलीन हो गए। पूरे राजकीय सम्मान और सेना के प्रोटोकॉल के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया। बड़ी बेटी आराध्या ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। कन्हैया को सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी। इस मौके पर शहीद कन्हैया की पत्नी और बेटी आराध्या ने सेल्यूट करके शहीद को सलामी दी। अपने लाड़ले सपूत को विदाई देने लोगों का जनसैलाब कोरोना गाइडलाइन के बावजूद गुणावद गांव में उमड़ पड़ा। शहीद के अंतिम संस्कार में रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर और ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना भी उपस्थित हुए। वही प्रदेश सरकार के मंत्री मोहन यादव ने भी शहीद के घर पहुंचकर श्रृद्धा सुमन अर्पित किए। प्रदेश सरकार के मंत्री और जनप्रतिनिधियों ने शहीद के परिवार को हर संभव मदद देने का आश्वासन परिजनों को दिया है।
सिक्किम में शहीद हुए कन्हैया का पार्थिव शरीर सुबह जैसे ही पैतृक गांव गुणावद लाया गया, पूरा गांव गमगीन हो गया। नम आंखों से ग्रामीणों ने अपने लाल को विदाई दी। जगह जगह ग्रामीण ने अंतिम यात्रा पर फूल बरसा कर शहीद के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कि। मुक्तिधाम पर जनप्रतिनिधियों परिवार वालों और एसपी- कलेक्टर ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी । जिसके बाद शहीद कन्हैयालाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कन्हैया लाल की बड़ी बेटी आराध्या ने मुखाग्नि दी।
गौरतलब है कि शनिवार को सिक्किम में हुए हादसे में कन्हैया लाल जाट शहीद हुए थे । 32 वर्षीय कन्हैया का 2008 में भारतीय सेना में चयन हुआ था वे सेना कि सीएमपी यूनिट में सिक्किम मे पदस्थ थें। शहीद कन्हैयालाल की पत्नी और दो छोटी बेटियां भी है।
कन्हैया जून में छुट्टी पर अपने गांव आने वाले थे लेकिन अब तिरंगे में लिपटी उनकी देह पैतृक गांव पहुंची है । गांव के बेटे कि शहादत से पूरा गांव गमज़दा है और पूरे क्षेत्र में शोक कि लहर है।