सतना। राजस्थान के धौलपुर से भूसे वाली ट्रैक्टर-ट्रॉली में शराब छुपाकर मध्यप्रदेश के शहडोल जा रहे तस्करों के साथ सतना शहर में बड़ा खेल हो गया। सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के सतना नदी के पास दो पुलिस कांस्टेबल ने दो लोगों से मिलकर शराब से लोड़ ट्राली को पकड़ लिया। एक नकली टीआई बुला लिया और उसे खड़ाकर 10 लाख रुपए की डिमांड की। आधी रात 4 लाख रुपए में सौदा तय हुआ। दो लाख रुपए नकद ले लिए। दो लाख रुपए किसी तस्कर की महजनी में दूसरे दिन रीवा में देने की बात सामने आई।
फिर भी आरोपी आरक्षकों ने तस्करों पर भरोसा नहीं किया। जैसे ही उनकी ट्रैक्टर ट्राली अमरपाटन नगर परिसद के पास पहुंची तो पुलिस को सूचना देकर पकड़वा दिया। हालांकि शुरुआत से ही पुलिस गिरफ्त में आए दोनों आरोपियों ने पूरी कहानी आम आदमी से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक को दे दी। इसके बाद जब सोशल मीडिया में शोर मचा तो एसपी ने गोपनीय जांच कराकर सतना पुलिस लाइन में तैनात मंयक मिश्रा को निलंबित कर दिया। वहीं रीवा जिले के चोरहटा थाने के कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई के लिए रीवा एसपी को पत्र लिखा गया।
ये है मामला
अमरपाटन में सवा 10 लाख की शराब और ट्रैक्टर ट्राली के साथ दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद हर दिन नए खुलासे हो रहे है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी रमेश जायसवाल पिता भूरा जायसवाल निवासी खारा थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी और श्याम जायसवाल पिता प्रदीप जायसवाल निवासी टिकुरिया टोला थाना कोलगवां को गिरफ्तार किया गया था। जिन्होंने अमरपाटन पुलिस की पूछताछ में कहा था कि मयंक मिश्रा मेन आरोपी है। जा मूलत: सीधी जिले के रामपुर नैकिन क्षेत्र का रहने वाला है। वह तस्कर रमेश जायसवाल के पहचान का था। जिसने शुरू से लेकर अंत तक की भूमिका तैयार कर पैसा वसूला और अंत में कम पैसे मिलने पर अमरपाटन पुलिस से पकड़वा दिया।
एसपी ने कराई मैहर एसडीओपी से गोपनीय जांच
सूत्रों का दावा है कि 22 मई की सुबह अमरपाटन पुलिस ने नगर परिषद कार्यालय के पास घेराबंदी कर बिना नंबर के ट्रैक्टर ट्राली को रोककर तलाशी ली तो भूसे के नीचे छिपाई 69 पेटी शराब बरामद हुई थी। जिसकी कीमत 4 लाख 15 हजार रुपए रखी। मौके से आरोपी रमेश जायसवाल और श्याम जायसवाल को गिरफ्तार किया गया। वह शराब राजस्थान के धौलपुर से शहडोल जिले के ब्यौहारी जा रही थी। इस सनसनीखेज वारदात के बाद एसपी धर्मवीर सिंह यादव ने मामले को संज्ञान लेकर मैहर एसडीओपी हिमाली सोनी से गोपनीय जांच कराई थी। जिन्होंने आरोपियों के अलावा आरक्षक मयंक मिश्रा से पूछताछ की। प्रारंभिक साक्ष्य मिलने पर सोमवार की दोपहर को सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 397/21 की धारा 342, 384, 388, और 34 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम धारा 7 के तहत आरक्षक मयंक मिश्रा समेत रीवा पुलिस के आरक्षक शिवम द्विवेदी, वीरेन्द्र द्विवेदी और एक अन्य के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया था।
बयान देकर फरार हुआ आरक्षक
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शराब तस्करी की सौदेबाजी के आरोपी बनाए गए आरक्षक मयंक मिश्रा को पूछताछ के लिए रविवार को अमरपाटन थाने में बुलाया गया था। जहां वह बयान दर्ज कराने के बाद फरार है। जबकि उसकी तैनाती पुलिस लाइन में थी। ऐसे में पुलिस अधीक्षक ने सस्पेंड कर दिया है। पुलिस का दावा है कि आरक्षक को भनक थी कि सिटी कोतवाली में एफआईआर दर्ज है। ऐसे में कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। ऐसे में उसने अमरपाटन थाने में तैनात पुलिस बल को चकमा देकर फरार हो गया है।