उज्जैन। सरकार 1 जून से अनलाॅक की बात कर रही है। इससे पहले 31 मई तक लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने का भी कह चुकी है। इसके इतर उज्जैन की कुछ तहसीलों में कोरोना मेला लगा हुआ है। यहां के महिदपुर, उन्हेल और झारडा क्षेत्रों में बैंकों के सामने किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। सम्मान राशि के रुपए लेने के लिए लंबी कतार लगी। इस दौरान कोविड गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। मामला 17-18 मई का है, लेकिन इसके वीडियो रविवार को ही सामने आए हैं।
शहर के अलावा पिछले 15 दिनों से गांवों में भी कोरोना ने पांव पसारे हैं। बड़ी संख्या में बीमारी की चपेट में आने के बाद भी ग्रामीणों ने सीख नहीं ली। शहर के पास ग्रामीण इलाकों में बैंकों के सामने लगी भीड़ लग गई। आशंका है कि इनमें से एक भी व्यक्ति संक्रमित हुआ, तो आने वाले समय में ग्रामीण इलाकों के हाल का अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि के 2000 रुपए किसानों के खाते में डाले गए हैं। गेहूं उपार्जन के बाद किसानों को जैसे ही खबर लगी, तो वे पैसे लेने उमड़ पड़े। उन्हेल के 56 गांवों, महिदपुर और झारड़ा के अलग-अलग ग्रामीण इलाकों से किसानों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा पर पहुंच गई। ठसा ठस भीड़ में खड़े ग्रामीण कोरोना को भूल गए।
जगह रोकने के लिए चप्पल और पत्थरों का सहारा
जिला सहकारी बैंक के मैनेजर महेंद्र कुमार जाटव के मुताबिक हिदायत के बाद भी कोई भी गाइडलाइन का पालन करने को तैयार नहीं है। बैंक के बाहर दिन भर भीड़ रहती है। हालांकि टोकन बांटना शुरू किया है। कतार से बचने के लिए कोई पत्थर, तो किसी ने जूते की निशानी छोड़कर लाइन में जगह बनाई। ये हालात अधिकांश ग्रामीण इलाकों के हैं। यही हाल रहा तो आने वाले समय में ग्रामीण इलाकों में फिर से कोरोना विकराल रूप ले सकता है।