ताऊ ते चक्रवात के कारण हुई बारिश के साथ ही मौसम में नमी बढ़ गई है। गुरुवार को आर्द्रता 90 फीसदी से अधिक तक पहुंच गई। बारिश की वजह से घरों के अंदर नमी आने से सीलन की समस्या पैदा हो गई है। घरों में बढ़ी नमी ब्लैक फंगस के खतरे को भी बढ़ा सकती है। वैसे तो ब्लैक फंगस गर्मी में पैदा होती है, लेकिन बारिश की नमी में यह तेजी से फैलती है।
दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया बताते हैं कि फंगस हवा में रहती है। यही आपको फफूंदी की शक्ल में ब्रेड पर और पेड़ के तनों पर काले रूप में दिखती है। ये फंगस आपकी नाक से होते हुए बलगम में मिलकर आपकी नाक की चमड़ी में चली जाती है। इसके बाद ये बीमारी बहुत तेजी से फैलती हुई सब कुछ खराब करते हुए दिमाग तक चली जाती है। इसमें मृत्यु दर 50 प्रतिशत है।
खासतौर से कोरोना से रिकवर हुए लोगों को नमी से बचने की ज्यादा जरूरत है। चिकित्सकों के अनुसार मास्क के प्रयोग से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर के प्रयोग तक में इस समय सावधानी बरतने की जरूरत है।