गेम की तर्ज पर दोस्त को गला मरोड़कर मारा था; गांव वालों ने आरोपियों और उनके करीबियों के मकान तोड़कर गांव से निकाला

Posted By: Himmat Jaithwar
5/20/2021

रतलाम। रतलाम के दयालपुरा गांव में नाबालिग युवक की हत्या करने वाले दो आरोपियों और उनके करीबियों के घर गांव वालों ने तोड़ दिए। आरोपियों के साथ उनके करीबी परिवार को भी गांव से बाहर निकाल दिया। आरोपी 14 मई को अपने नाबालिग दोस्त को फ्री फायर गेम खेलने के बहाने गांव से बाहर ले गए। गेम के टास्क की तरह गर्दन तेज घुमा कर हड्डी तोड़ दी। मौत होने पर शव गड्ढे में दफना दिया था।

बेघर हुए आरोपी परिवारों और उनके करीबी लोगों ने कलेक्टर और एसपी से गुहार लगाई है। इसके बाद आलोट पुलिस थाने पर इन परिवारों के मकान तोड़ने वालों के विरुद्ध शिकायत दर्ज की गई है। वहीं बेघर हुए परिवारों के लोगों को आलोट स्थित रैन बसेरा केंद्र पर ठहराया गया है।

यह था मामला

14 मई की रात दयालपुरा गांव के 15 वर्षीय विशाल सिंह की हत्या उसके दो दोस्तों ने कर दी थी। आरोपी उल्फत सिंह और एक नाबालिग आरोपी इस बात को लेकर नाराज थे कि विशाल ने सिगरेट, तंबाकू और लड़की की शिकायत परिवार से की थी। दोनों ने विशाल सिंह को पहले फोन कर फ्री फायर गेम खेलने बुलाया और गांव के बाहर फ्री फायर गेम के टास्क की तरह उसकी गर्दन मरोड़ कर हत्या कर दी और शव जमीन में गाड़ दिया था। दूसरे दिन पुलिस ने आरोपियों के बताए स्थान पर गड्ढे से विशाल का शव बरामद किया था।

चाचा-ताऊ के भी मकान तोड़े

आरोप है कि विशाल के परिवार और आक्रोशित भीड़ ने आरोपियों और उनके परिवार वालों के घर पर तोड़फोड़ कर दी। इन परिवारों को गांव से निकाल दिया। नाबालिग आरोपी के ताऊ और चाचा के चार मकान भी तोड़ दिए गए हैं। सभी को गांव में नहीं आने की हिदायत दी गई है। मामला जिला मुख्यालय तक पहुंचने के बाद आलोट थाने पर इन पीड़ित परिवारों की शिकायत दर्ज की गई है| इसमें गांव के सूर्यपाल सिंह, नेपाल सिंह, गोपाल सिंह सहित 15 लोगों पर धारा 147,149, 294 ,506, 427 एवं एससी एसटी एक्ट के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है।

बहरहाल बेघर हुए परिवारों को आलोट स्थित रैन बसेरा केंद्र पर ठहराया गया है। लेकिन रेन बसेरे में भी पीड़ित परिवारों को पुलिस की सुरक्षा नहीं दी गई है। इसके साथ ही इन लोगों के भोजन की व्यवस्था भी स्थानीय प्रशासन ने नहीं की है। वहीं बड़ा सवाल यह भी है कि मृतक के परिवार के लोगों के आक्रोशित होने और आरोपियों के घर तोड़ने की घटना की जानकारी मिलने के बावजूद 3 दिनों तक आलोट पुलिस थाने पर शिकायत तक दर्ज नहीं की गई। जिसके बाद मामला जिला मुख्यालय पहुंचने पर पीड़ित परिवारों की शिकायत दर्ज की गई है।



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