बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव नालंदा जिले के कल्याणबिगहा के लोगों ने कोरोना को लगभग हरा दिया है। गांव की आबादी करीब 2500 है। अब तक यहां के महज पांच लोग ही कोरोना संक्रमित हुए हैं। कोरोना से कोई मौत भी नहीं हुई।
उधर, झारखंड के बोकारो जिले के गांवों में झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे इलाज चल रहा है।
1. कल्याणबिगहा के 90% लोगों ने कोरोना का टीका लगवाया
- नालंदा के कल्याणबिगहा से कमल किशोर विनीत और अभिषेक मिश्र की रिपोर्ट
हरनौत प्रखंड में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गांव कल्याणबिगहा में पहुंचते ही एक बुजुर्ग से मुलाकात होती है। टीका लेने के सवाल पर वे कहते हैं, ‘हम दुन्नू टीका ले लेलिय ह। ई जरूरी हय। अब हमर तबीयत ठीक हय। गांव के लगभग लोग टीका ले लेलके हय।’
पता करने पर मालूम हुआ कि ये बुजुर्ग सीएम नीतीश कुमार के बचपन के साथी शैलेंद्र कुमार हैं। उन्होंने बताया, ‘हम नीतीश कुमार के साथ गिल्ली-डंडा खेला करते थे। हमरा एगो ज्योतिषी बता देल के हल कि नीतीश बाबू एक दिन मुख्यमंत्री बनथी।’
पंचायत के सभी लोगों की जांच भी की गई है। ग्रामीण बताते हैं कि गांव में स्वास्थ्य व्यवस्था अच्छी होने के कारण ही कोरोना यहां नहीं फैल सका। गांव में अब तक कोरोना से किसी की जान भी नहीं गई है। 90% लोगों ने टीका भी लगवा लिया है।
लोग अस्पताल में मिल रहे इलाज से संतुष्ट
गांव के राजकिशोर बताते हैं कि अप्रैल में वे भी संक्रमित हो गए थे। उनके साथ उनके बहनोई भी कोरोना की चपेट में आ गए थे। दोनों के फेफड़े तक संक्रमण फैल गया था, लेकिन गांव के रेफरल अस्पताल में इलाज की इतनी अच्छी व्यवस्था है कि वे यहीं ठीक हो गए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक घर की देख-रेख करने वाले सीताराम ने कहा कि जैसे ही टीकाकरण शुरू हुआ, उन्होंने सबसे पहले वैक्सीन लगवा ली। दो-तीन सप्ताह पहले उन्होंने टीके की दूसरी डोज भी ले ली।
ग्रामीण रामप्रवेश सिंह ने कहा कि दूसरी लहर जब आई तो ग्रामीण खुद जागरूक हो गए। काढ़ा, तुलसी, गर्म पानी समेत बचाव के तमाम उपाय करने लगे। इस कारण आज यहां की स्थिति अच्छी है।गांव के रहने वाले अवधेश कुमार बताते हैं कि नीतीश कुमार से उनकी बात हर वक्त होती है। सीएम ने उन्हें फोन कर टीकाकरण कराने के लिए कहा। अब तक पात्र लोगों में 90 प्रतिशत को टीका लग चुका है।
सामुदायिक किचन का भी फायदा उठा रहे हैं ग्रामीण
बराह पंचायत के बराह, कल्याणबिगहा, महथुआ, बलवापर, डिहरा, दलदलीचक, टांड़पर गांव में कुल 13 हजार लोग रहते हैं। यहां महिलाएं जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाने के लिए 24 घंटे सामुदायिक किचन चलाती हैं, जहां गांव का कोई भी व्यक्ति किसी भी वक्त जाकर खाना खा सकता है। इसके अलावा कल्याणबिगहा गांव में 12वीं तक स्कूल, आईटीआई, शूटिंग रेंज, पावर सब-स्टेशन और बैंक भी है।
2. झाेलाछाप डॉक्टरों के भरोसे इलाज
- झारखंड के बोकारो से ललित दुबे और विजय पाठक की रिपोर्ट
बोकारो जिले के बेरमो विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले अंगवाली पंचायत, टांड-मोहनपुर और जैना पंचायत में पिछले 20 दिनों में 50 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 30 लोगो में कोरोना की पुष्टि हुई थी। वहीं, 20 लोगों की कोरोना जांच ही नहीं हुई। एक के बाद एक लगातार मौत से ग्रामीणों में डर का माहौल है।
इन पंचायतों के हर घर में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज हैं। गांव के लोग इलाज के लिए अस्पताल जाने की बजाय झोलाछाप डाॅक्टरों से ही इलाज करा रहे हैं। हालत अचानक बिगड़ने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं। जहां इनकी जान बचा पाना मुश्किल हो रहा है।
अंगवाली पंचायत में 26 की मौत
अंगवाली पंचायत के रहने वाले प्रकाश विश्वकर्मा बताते हैं कि उनके गांव में पिछले 20 दिन में 26 लोगों की मौत हुई है। इनमें बुजुर्ग से लेकर युवा तक शामिल हैं। सभी को सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण थे। गांव में घूमने वाले झोलाछाप डाॅक्टरों से लोगों ने दवाएं लीं। कई ठीक भी हो गए पर अचानक दोबारा तबीयत बिगड़ी और लोगों की मौत हो गई। जरीडीह पंचायत के दो पंचायत टांड-मोहनपुर व जैना कस्बाई क्षेत्र है। यहां पिछले 15 दिनों में 24 लोगों की मौत हुई है।
पिता बीमार, मामा ने किया कन्यादान
जब भास्कर टीम बोकारो जिला मुख्यालय से 34 किलोमीटर दूर अंगवाली गांव पहुंची तो यहां देखा कि शादी हो रही है। शादी में 20 लोग मौजूद हैं। सभी मास्क पहने दिखे। वधू शीला कुमारी के पिता छोटू राय की तबीयत खराब रहने पर शादी में नहीं आए। कन्यादान मामा अंगिका राय ने किया।
बोकारों से 34 किलोमीटर दूर अंगवाली गांव में वधू शीला कुमारी के पिता छोटू राय की तबीयत खराब रहने पर शादी में नहीं आए। कन्यादान मामा अंगिका राय ने किया।
नजदीकी रिश्तेदार दूर से शादी निहारते रहे
थोड़ी दूरी पर खड़े होकर दूल्हे दीपक कुमार के नजदीकी रिश्तेदार शादी की रस्मों को देख रहे थे। पूछने पर कहा कि अगर जान बचेगी तो कई शादियां देख लेंगे। इसलिए दूरी ठीक है।