प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के सभी फील्डर अफसरों से वर्चुअल मीटिंग की। मीटिंग के बाद मोदी ने सभी को मैसेज दिया। मोदी का ये मैसेज टेलीविजन पर ब्रॉडकास्ट किया गया। इस ब्रॉडकास्टिंग पर सियासत शुरू हो गई है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सवाल उठाया कि पिछली बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की स्पीच के लाइव टेलीकास्ट पर दिक्कत हो गई थी। इस बार प्रधानमंत्री के ब्रॉडकास्ट की इजाजत थी?
सिसोदिया बोले- कैसे पता चलेगा, किस मीटिंग का LIVE हो सकता है
मोदी की स्पीच के तुरंत बाद सिसोदिया ने ट्वीट किया- आज की मीटिंग में प्रधानमंत्रीजी का वक्तव्य टीवी पर लाइव प्रसारित हुआ। पिछली बैठक में केजरीवालजी के लाइव प्रसारण पर आपत्ति थी। कहा गया था कि प्रोटोकॉल तोड़ा गया है। आज के प्रोटोकॉल में लाइव ब्रॉडकास्ट की इजाजत थी? कैसे पता चलेगा कि कौन सी मीटिंग का लाइव टेलीकास्ट हो सकता है और किस मीटिंग का नहीं?
पिछली बैठक में भी LIVE प्रसारण पर हुआ था पॉलिटिकल ड्रामा
- 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना के बिगड़ते हालात को लेकर मीटिंग की थी। इस मीटिंग में 10 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल थे।
- जैसे ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बोलने की बारी आई तो मीटिंग का लाइव टेलीकास्ट देश के टीवी चैनलों पर चलने लगा। केजरीवाल का लहजा सख्त था।
- केजरीवाल ने ऑक्सीजन सप्लाई का मुद्दा तल्ख लफ्जों में उठाया था और कहा था- प्रधानमंत्री जी अगर दिल्ली में ऑक्सीजन की फैक्ट्री नहीं है तो क्या दो करोड़ लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी? अगर किसी अस्पताल में एक-दो घंटे की ऑक्सीजन बच जाए या ऑक्सीजन रुक जाए और लोगों की मौत की नौबत आ जाए तो मैं फोन उठाकर किससे बात करूं? कोई ट्रक रोक ले तो किससे बात करूं? आप बस ये बता दीजिए।
- हालांकि, कुछ देर बाद ये प्रसारण अचानक सभी टेलीविजन चैनलों पर रुक गया और इसके बाद फिर केजरीवाल नजर आए। प्रधानमंत्री से कह रहे थे कि मेरा विश्वास है कि इस देश में अगर एक नेशनल प्लान होगा तो हम सभी राज्य सरकारें केंद्र के साथ मिलकर काम करेंगे।
- मोदी ने यहीं पर केजरीवाल को टोक दिया। कहा था- ये हमारी जो परंपरा है, हमारे जो प्रोटोकॉल हैं, उसके खिलाफ हो रहा है कि कोई मुख्यमंत्री ऐसी इनहाउस मीटिंग को लाइव टेलीकास्ट करे। ये उचित नहीं है, हमें हमेशा संयम पालन करना चाहिए।