मध्यप्रदेश के पूर्व वन मंत्री और गंधवानी से कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार और उनकी गर्लफ्रेंड सोनिया भारद्वाज के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। सोनिया लगातार मानसिक प्रताड़ना झेल रही थी। इसका खुलासा सोनिया के फोन के वाट्सऐप चैट के दौरान भेजे गए मैसेज में हुआ है। सूत्रों की माने तो इसमें वह लिखती है कि शादी के नाम पर उसे अब तक रोका जा रहा है। वह इसके कारण काफी तनाव में है।
इसी तरह के कई और चैट मिलने का दावा पुलिस ने किया है। हालांकि पुलिस इसको लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दे रही है, लेकिन पुलिस ने जिस तरह से महज 30 घंटे के अंदर ही विधायक उमंग सिंघार को इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपी बनाया है, उसे देखते हुए लगता है कि पुलिस के पास इस केस में कई महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे हैं। हालांकि पुलिस अभी उनकी गिरफ्तारी नहीं कर रही है।
एडिशनल एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि उमंग सिंगार पर सोनिया सुसाइड केस में आत्महत्या के लिए उकसाने का केस शाहपुरा पुलिस थाने में दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ पुलिस को जांच में अब तक पर्याप्त सबूत मिले हैं, जिन्हें एक-एक कर जमा किया जा रहा है। उनके खिलाफ मामला गैर जमानती धाराओं में है, लेकिन अभी उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई है। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
पुलिस जांच कर रही है और एक-एक कड़ी को आपस में जोड़कर सारे सबूत जुटा रही है। जहां तक विधायक उमंग सिंघार के इस मामले में अपने को बेगुनाह बताने की बात है, तो वह कोर्ट में अपना पक्ष रख सकते हैं। पुलिस नियमानुसार ही सारी कार्रवाई कर रही है और अब तक जो भी बयान और सबूत मिले हैं वह सभी उमंग सिंगार के खिलाफ हैं।
सोनिया के फोन भी जब्त किया गया है। उसकी जांच करवाई जा रही है। सबसे बड़ी बात सोनिया के साथ उमंग सिंगार ने अपने संबंधों को कबूल किया है। उनके ही घर में सुसाइड किया है। इतना ही नहीं सोनिया ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा है और इसके अलावा इस घटना से जुड़े लोगों के बयान भी सिंघार के खिलाफ है। पुलिस ने इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए कानून विशेषज्ञों से सलाह लेकर उमंग सिंगार के खिलाफ सोनिया को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है।
सिंघार को भी FIR होने का अहसास हो चुका था
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के सोमवार सुबह दिए बयान और पुलिस के लगातार सोनिया के परिजनों के बार-बार बयान लेने के कारण उमंग सिंगर को अपने खिलाफ मामला दर्ज होने का पहले ही अहसास हो गया था। इसी कारण उन्होंने कानून का हवाला देते हुए आईजी भोपाल को एक पत्र भी लिखा था। इसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए FIR दर्ज करने के पहले सभी सबूतों को ध्यान में रखने की बात की थी। हालांकि उनका यह प्रयास भी विफल रहा और पुलिस ने उन्हें इस मामले में आरोपी बनाने में ज्यादा देर नहीं की।
सिंघार के लिए अब कोर्ट ही एक मात्र रास्ता
इस मामले में आरोपी बनाए गए सिंघार के पास आप सिर्फ एक ही विकल्प बचा है। वह गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट की शरण में जा सकते हैं। वे पुलिस से बचने के लिए अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में याचिका लगा सकते हैं। मामला गैर जमानती धाराओं का होने के कारण उन्हें थाने से जमानत नहीं मिल सकती है। ऐसे में पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट भेजेगी और आगे का फैसला कोर्ट को करना है। अगर सिंगार को अग्रिम जमानत मिल जाती है, तो उन पर से गिरफ्तारी की तलवार हट जाएगी।