इंदौर में 1200 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाले 4 आरोपियों को पुलिस इंदौर लेकर आएगी। इंदौर पुलिस आरोपियों को सूरत की कोर्ट में मंगलवार दोपहर पेश कर प्रोटेक्शन वारंट पर लाएगी। आरोपियों से सूरत पुलिस पूछताछ कर चुकी है। इंदौर में सुनील मिश्रा ने 700 इंजेक्शन दो दिन में बेचने की बात कही थी। पुलिस को शक है कि आरोपियों ने इंदौर शहर के साथ आसपास के जिलों में भी इन नकली इंजेक्शन को खपाया है।
विजय नगर पुलिस सूरत में प्रोटेक्शन वारंट के लिए आरोपी सुनील मिश्रा, कुलदीप, पुनीत शाह और कौशल वोरा को पेश करेगी। कौशल वोरा, पुनीत शाह और कुलदीप ने मोरबी में किराए के फार्म हाउस पर ग्लूकोज से यह इंजेक्शन बनाए थे। रीवा निवासी सुनील मिश्रा ने इंदौर में ये नकली इंजेक्शन बेचे थे। विजय नगर पुलिस की सूचना पर सूरत पुलिस को इस पूरे रैकेट को पकड़ा था। इस गिरोह के अब तक 11 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सुनील मिश्रा और गिरोह ने पूरे मध्यप्रदेश में और कितने लोगों को यह यह नकली इंजेक्शन बेचे हैं, इसकी जानकारी के लिए रिमांड पर लेना जरूरी है।
दलाल सुनील मिश्रा गुजरात और मध्यप्रदेश के बीच कड़ी है
इंदौर के दलाल सुनील मिश्रा ने बताया कि वह मास्क, सैनिटाइजर सप्लाई करता था। कोरोना के नए स्ट्रेन में रेमडेसिविर की मांग बढ़ी तो आरोपी का कौशल वोरा और पुनित शाह से संपर्क हुआ था। दोनों 20 अप्रैल को उसे 700 नकली इंजेक्शन की पहली खेप दे दी थी । इसमें से 500 इंजेक्शन जबलपुर में सिटी अस्पताल के संचालक और विश्व हिंदू परिषद के नर्मदा डिवीजन के जिलाध्यक्ष सरबजीत मोखा को दे दिए थे।
कालाबाजारी के रैकेट में कौशल और पुनीत दोनों 20 और 21 अप्रैल के समय इंदौर आए थे। अभी तक प्रदेश में कहां-कहां पर यह नकली इंजेक्शन दिए हैं, इसकी पूछताछ के लिए इंदौर पुलिस इन्हें प्रोटेक्शन वारंट पर ले आएगी।। सूत्रों ने बताया कि आरोपी 6 इंजेक्शन का सेट 35000 रुपए में बना कर देते थे।
ऐसे हुआ था खुलासा
विजयनगर थाना प्रभारी तहजीब काजी को एक पीड़ित महिला ने शिकायत की थी। उसने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और दवाएं एक व्यक्ति उपलब्ध करा रहा है। वह सिर्फ महिलाओं को ही यह देने की बात कह रहा है। इसके बाद पुलिस ने SI प्रियंका को जरूरतमंद बनाकर इंजेक्शन के लिए भेजा था। आरोपी सुरेश यादव निवासी बाणगंगा से मैसेंजर पर टोसिलिजुमैब इंजेक्शन को देने की बात कर रहा था। महिला पुलिस अधिकारी और एक थाने के आरक्षक ने इसे जाल बिछाकर उसे पकड़ लिया था ।
आईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया था कि पूछताछ के बाद धीरज और दिनेश को पकड़ा गया। इन दोनों ने बताया कि इंजेक्शन प्रवीण उर्फ सिद्धार्थ नाम युवक से लेते थे। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो असीम भाले का भी नाम सामने आया। इसके बाद सुनील मिश्रा नामक युवक का नाम सामने आया है। उसकी कॉल डिटेल निकाली तो लोकेशन गुजरात के सूरत में मिली।
विजय नगर पुलिस ने तुरंत सूरत पुलिस को सूचना दी। सूरत पुलिस तुरंत आरोपी सुनील मिश्रा को हिरासत में लेकर फैक्टरी पर छापा मारा, जहां पर नकली स्टिकर और हजारों की तादाद में नकली इंजेक्शन की शीशियां मिलीं। इसमें से कई ग्लूकोज और पानी से भरी हुई थीं। यहां से गिरोह के और सदस्यों को भी पकड़ा है। इसकी सूचना उन्होंने इंदौर पुलिस को भी दी।