मध्यप्रदेश के पूर्व वन मंत्री और गंधवानी से कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार पर 39 वर्षीय सोनिया भारद्वाज पर सोमवार रात आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया गया। मामला दर्ज होने से पहले खुद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सुबह कह दिया था कि शाम तक स्थिति साफ हो जाएगी। देर शाम तक सिंघार को भी अहसास हो गया कि उनके खिलाफ FIR होने वाली है। ऐसे में उन्होंने आईजी भोपाल को पत्र लिखते हुए उन्हें सुप्रीम कोर्ट और सीनियर वकीलों का हवाला देते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किए जाने का अनुरोध किया। हालांकि देर रात होते-होते शाहपुरा पुलिस ने सुसाइड नोट और सोनिया के बेटे आर्यन के साथ सिंघार के नौकरों के बयान को आधार बनाते हुए उन पर सोनिया को खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया।
सिंघार का आईजी भोपाल को पत्र
सिंघार ने लिखा- मैं गंधवानी विधानसभा सीट से लोगों के द्वारा चुना गया जन प्रतिनिधि हूं। इस बीमारी के समय में अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों की मदद के लिए था। मुझे सोशल मीडिया और न्यूज के माध्यम से सोनिया के सुसाइड करने के बारे में पता चला। मुझे पता चला कि उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा है और इसमें उसने किसी को दोषी नहीं बताया है। उसके तनाव में होने के बारे में मुझे रिपोर्ट से पता चला। इस बारे में मैंने कई सीनियर वकीलों से सलाह ली है। उनका कहना है कि मेरे खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। सोनिया के बेटे और मां ने भी मेरे खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। ऐसे में FIR करने के पहले पूरी तरह से मामले की जांच कर सबूतों की जांच जरूर कर लें। इस तरह का एक पत्र सोशल मीडिया पर उनके नाम पर चल रहा है। हालांकि दैनिक भास्कर इस पत्र की पुष्टि नहीं करता है।
दोपहर में सोनिया के बेटे ने कहा कोई सबूत नहीं
सोमवार सुबह अंबाला से आए सोनिया के बेटे आर्यन ने दोपहर में मीडिया से कहा था कि उसे किसी भी तरह की आशंका नहीं है। उसके पास संदेह करने के लिए कोई सबूत नहीं है। सोमवार दिन भर इस मामले में भी पुलिस किसी तरह का बयान देने से बचती रही, लेकिन देर रात शाहपुरा पुलिस ने सुसाइड नोट, सोनिया के बेटे, मां और सिंघार के नौकर के बयानों के आधार पर विधायक के खिलाफ FIR दर्ज कर ली।
इस तरह चला पूरा घटना क्रम
एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि सोनिया करीब एक महीने पहले अंबाला से भोपाल आई थीं। वह यहां शाहपुरा स्थित उमंग सिंघार के निजी बंगले बी-238 में रह रही थीं। तीन दिन से उमंग घर पर नहीं थे। इस दौरान बंगले में रहने वाले नौकर ही सोनिया की देखभाल कर रहे थे। रविवार दोपहर करीब 4 बजे सोनिया ने कमरे में फांसी लगा ली।
शाहपुरा पुलिस ने बंगले में रहने वाले गणेश सिंह की सूचना पर साढ़े 5 बजे प्रारंभिक जांच के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सोनिया के पर्स से एक सुसाइड नोट मिला था। इसमें सोनिया ने सिंघार पर बहुत ज्यादा गुस्सा करने की बात कहते लिखा था कि अब वह सहन नहीं कर सकती। नोट में सोनिया ने परेशान होने को लेकर कई बातें लिखी थीं। इस दौरान सिंघार के नाम का जिक्र भी कई बार किया था।
गृहमंत्री तक को बयान देना पड़ा था
उमंग सिंघार कांग्रेस के आदिवासी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री जमुनादेवी के भतीजे हैं। वे ही जमुनादेवी का पूरा काम संभालते थे। गंधवानी विधानसभा सीट बनने के बाद ही सिंघार लगातार तीन बार से विधायक हैं। सिंघार की धार, झाबुआ समेत अन्य आदिवासी क्षेत्रों में अच्छी पकड़ है। उनके घर पर महिला के फांसी लगाने के बाद से ही राजनीति शुरू हो गई थी। इसे देखते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस को सभी के बयान शाम तक पूर करने की बात कही थी।
हालांकि कांग्रेस के नेता इस पर प्रक्रिया देने से बचते नजर आए। इधर, दोपहर में आर्यन के उनके खिलाफ कुछ नहीं कहने के कारण सिंघार ने भी सरकार पर निशाना साधने में देरी नहीं की। आर्यन के मीडिया को बयान देने के बाद सिंघार ने इस सरकार की राजनीति करार दिया। उनके बयान के कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने FIR कर दी।
सिंघार दो साल पहले आए थे सुर्खियों में
मध्यप्रदेश सरकार में वनमंत्री रहे उमंग सिंघार करीब दो साल पहले सुर्खियों में आए थे। उन्होंने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोलते हुए कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह देश में ध्रुवीकरण कर रहे हैं। वो कमलनाथ सरकार को ब्लैकमेल करते हैं। दिग्विजय आखिर कांग्रेस को कब तक डराएंगे। 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं। कांग्रेस फिर से सत्ता में आई तो मलाई काटने क्यों आ गए। दिग्विजय चुनिंदा विधायक और मंत्री के नाम पर ब्लैकमेल कर रहे हैं।
सिंघार ने 10 महीने पहले भी वरिष्ठ नेताओं को घेरा था
सिंघार ने कहा था कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक कांग्रेस में अनेक नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं नेहरू गांधी परिवार का कुर्बानी का इतिहास रहा है, लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए युवा नेतृत्व एवं देश की सबसे पुरानी पार्टी को कुर्बान करने पर लगे हैं।
सुसाइड के लिए बने यह आधार
पुलिस ने इस मामले में सिंघार को आरोपी बनाने के लिए सोनिया का उनके घर में फांसी लगाना, सुसाइड नोट में उनके नाम का जिक्र करने के साथ सिंघार के नौकर का सिंघार और सोनिया के बीच अनबन होने की बात को आधार बनाया। इतना ही नहीं पुलिस ने इस मामले में अब आर्यन और उनकी मां के भी सिंघार के खिलाफ बयान देने की बात कर रही है।
सिंघार के पास विकल्प
सूत्रों की माने तो पुलिस इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रखेगी। पुलिस गिरफ्तारी के पहले सभी तरह के सबूत जुटाएगी, ताकि कोर्ट में केस को मजबूती से रखा जा सके। इधर उमंग सिंघार इस मामले में सीधे कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। निचली अदालत में याचिका रद्द होने के बाद वे उसे हाई कोर्ट में लगा सकते हैं। इसी तरह विधायक आरिफ मसूद मामले में भी हुआ था। पुलिस ने उनके खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया था। मसूद फरार हो गए थे। उन्होंने अग्रिम जमानत ले ली थी
सिंघार को सोनिया के मानसिक तनाव में रहने का पता नहीं था
परिजनों ने पुलिस को बताया कि वहीं निजी जिंदगी से भी संतुष्ट नहीं थी। वे मानसिक तनाव में चल रही थीं। इसका इलाज भी किया जा रहा था। इधर उमंग का कहना है कि उन्हें सोनिया के मानसिक तनाव में रहने के बारे में पता ही नहीं था। सिंघार ने कहा कि उन्हें तो आज ही इसका पता चला, जब उनकी मां और बेटे ने बताया। सब कुछ ठीक चल रहा था। शनिवार को उसने फोन पर बात भी की थी।
दो पतियों से नहीं निभ पाई थी
परिजनों ने बताया कि सोनिया ने पहले पति को छोड़कर दूसरी शादी की थी। दूसरा रिश्ता भी कुछ दिन बाद ही टूट गया था। दोनों पतियों से अलग होने के बाद वह अंबाला के बलदेव नगर इलाके में अपनी मां के साथ रहती थी। आर्यन शिमला में होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रहा है, जिसे पति के साथ अनबन के बावजूद सोनिया खुद ही पढ़ा रही थी। आर्यन ने बताया कि उसे रविवार को ही मां की मौत की खबर मिली थी। उन्होंने एक दिन पहले शनिवार को नानी से वीडियो कॉल किया था।