नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मल्टी स्टेट स्कैम की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार 12 मई को याचिका दायर की गई है। जबलपुर की एक महिला और कटनी निवासी सीनियर सिटीजन की ओर से यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस से राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा और पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने लगाई है।
जबलपुर निवासी रंजीता राव और कटनी निवासी सीनियर सिटीजन नंदलाल सिंह ने याचिका के माध्यम से आरोप लगाया है कि उनके अपनों की जान नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने से सिटी अस्पताल में चली गई है। रंजीता राव के मुताबिक उनके पति की तबियत इंजेक्शन लगाने के बाद खराब हुई। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया और रात में मौत हो गई। जबकि अस्पताल ने लाखों रुपए का बिल लिया।
सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका के माध्यम से तर्क रखा गया है कि यह मल्टी स्टेट स्कैम है। इसमें तीन एफआईआर जबलपुर, गुजरात व इंदौर में दर्ज हुई है। आरोपियों ने पूरे देश में एक लाख से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचा है। ऐसे में इसकी जांच केंद्रीय एजेंसी से कराना ही उचित होगा। अभी इस पर सुनवाई की तारीख तय नहीं हो पाई है।
पुलिस ने नहीं लिया मोखा का रिमांड
याचिका में ये भी पक्ष रखा गया है कि जबलपुर के ओमती में एक एफआईआर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का दर्ज हुआ है। इतने बड़े स्कैम में फंसे जबलपुर के सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा को गिरफ्तार कर बिना पूछताछ किए या रिमांड मांगे ही सीधे जेल भेज दिया गया। इससे साफ है कि पुलिस की मंशा इस केस की जांच की बजाय इसमें लीपापोती करने की है। इतने बड़े नेक्सेस की जांच में पुलिस लापरवाही बरत रही है। इस कारण इसकी जांच सीबीआई से कराना उचित होगा।