उज्जैन। एक महीने से ज्यादा लॉकडाउन का साइड इफेक्ट भी दिखने शुरू हो गए हैं। उज्जैन में एक युवक का काम धंधे बंद हो गया। नए मकान के लिए उसने 22 लाख रुपए कर्ज लिए थे और मकान में दरार आ गई थी। इधर पत्नी आइसोलेट हो गई। इसके बाद तनाव में उसने आत्महत्या कर ली। उसने रेडियम काटने वाले कटर से अपने हाथ और गले पर खुद ही वार किए थे।
मामला थाना नागझिरी क्षेत्र के रिद्धि सिद्धि विहार कॉलोनी में सोमवार देर रात की है। पुलिस और एफएसएल टीम पहुंच कर जांच की। परिवार वालों ने बताया कि बसंत राणावत कई दिनों से बेरोजगारी से जूझ रहा था। 22 लाख रुपए में ख़रीदे गए नए मकान में आयी दरार को लेकर काफी तनाव में रहता था। देर रात सब के साथ बातचीत की खाने खाने के बाद सड़क पर ही कुछ देर टहला भी और बाद में कमरे में सोने चला गया।
कुछ देर बाद घर वालों ने किसी काम के लिए आवाज दी तो आवाज नहीं आई। इसके बाद दरवाजा तोड़कर देखा तो अंदर बसंत की खून से सनी लाश जमीन पर पड़ी मिली। एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल घटना की जांच कर रहे ही। प्रथम दृष्टयता आत्महत्या का मामला दिख रहा है फिर भी अन्य पहलुओं पर भी जांच जारी है
बसंत के भाई आशीष सिसोदिया ने बताया की 31 वर्षीय बसंत ने एक साल पहले बैंक से कर्ज लेकर ही 22 लाख रुपए में रिद्धि सिद्धि विहार कालोनी में नया घर बनवाया था। घर में शिफ्ट होने के बाद नए घर के कई हिस्सों में दरार आने लगी, जिसकी शिकायत कांट्रेक्टर को की गई। लेकिन बसंत लगातार घर बेचने की बात करता रहा इस बीच कोरोना के कारण ऑटो चलना बंद हो गया। काम धंधा बंद होने से तनाव में रहने लगा।
पत्नी को निमोनिया, आइसोलेट
जब बसंत ने आत्मघाती कदम उठाया तब उसकी पत्नी उस घर में अलग कमरे में आइसोलेट थी। दरसल कुछ दिन से उसकी पत्नी को सर्दी खासी के लक्षण थे, जिस पर से डॉक्टर ने निमोनिया होने की बात बताई थी। इसके चलते पत्नी को अलग कमरे में आइसोलेट किया गया था। वहीं बसंत का दो वर्षीय बेटे को नाना के घर छोड़ रखा था। बसंत कमरे में अकेला ही सोने चला गया और इस तरह से आत्मघाती कदम उठा लिया।