मध्यप्रदेश में पहली बार पॉजिटिविटी रेट 20 से घटकर 17% पर आ गया है। यह प्रदेश के लिए राहत की बात है, लेकिन इस दौरान टेस्ट की संख्या भी करीब 3 हजार कम हो गई है। मई में 6 मई को सबसे ज्यादा 68 हजार से अधिक कोरोना संदिग्धों के सैंपल लिए गए थे। इनमें से 12 हजार 421 लोग कोरोना संक्रमित निकले थे। पॉजिटिविटी रेट 18.2% था। हालांकि उसके बाद चार दिन से हर दिन करीब 1200 सैंपल लिए जा रहे हैं। पिछले चार दिन में करीब 3 हजार सैंपल कम लिए गए।
एक साल में सैंपलिंग 6 हजार से बढ़कर 68 हजार तक पहुंची
मध्यप्रदेश में हर दिन करीब 65 हजार से ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं। अगर एक साल पहले की बात की जाए, तो प्रदेश में करीब 6 हजार सैंपल लिए जाते थे। इस दौरान हर दिन 3% से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट से संक्रमित मिल रहे थे। प्रदेश में समय के साथ सैपलिंग की क्षमता बढ़ाई गई। हालांकि अधिक सैंपल लेने के कारण पॉजिटिविटी रेट भी 3 से बढ़कर 20 के पार पहुंच गया।
रिजेक्ट सैंपल की संख्या में कमी
प्रदेश में हर दिन 65 हजार सैंपल लिए जा रहे, लेकिन एक चिंता का विषय सैंपल का रिजेक्ट होना है। बीते नौ दिन में तीन बार रिजेक्ट सैंपल की संख्या एक हजार के पार पहुंच गई। यह शासन के लिए चिंता का विषय है। इनमें से 4 मई को 1145, 6 मई को 1400 और 7 मई को 1255 सैंपल रिजेक्ट हो गए थे। इसके कारण इन लोगों को दोबारा टेस्ट कराना पड़ा, लेकिन बीते दो दिनों में खराब होने वाले सैंपल की संख्या में कमी आई है। अब यह कुल सैंपल में से 0.41 से नीचे आ गई है।