मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों की होगी Special Care, हर जिले में खुलेंगे कोविड सेंटर

Posted By: Himmat Jaithwar
5/10/2021

भोपाल: देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य सिस्टम को उजागर कर के रख दिया. ऑक्सीजन, इंजेक्शन, वैक्सीन से लेकर स्वास्थ्य उपकरणों की कमी ने बताया कि महामारी के 15 महीने बाद भी स्वास्थ्य विभाग मजबूत नहीं हो सका. यहां तक कि लोगों को क्वारंटाइन करने तक में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कुछ दिनों पहले तो अशोकनगर में पदस्थ SI अपने पति का इलाज कराने आई थीं, लेकिन बेड के अभाव में फर्श पर लिटाकर इलाज करना पड़ा. जहां मरीज ने तड़पते हुए दम तोड़ दिया था. अब पुलिस मुख्यालय विभागी कर्मचारियों के लिए अलग कोविड केयर सेंटर शुरू करने की तैयारी में है.

हर जिले में होंगे पुलिस के अलग कोविड सेंटर
संक्रमण रोकने के लिए मध्य प्रदेश में भी कोरोना कर्फ्यू लगाया गया. इससे बाकी प्रदेशवासी तो अपने घरों में रहने लगे, लेकिन फ्रंटलाइन पर काम कर रहे पुलिसवालों को परेशानियां होने लगीं. उसी को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने इन चुनौतियों से निपटने की तैयारी की. प्रदेश के हर जिले में पुलिस विभाग के लिए अलग से कोविड केयर सेंटर स्थापित हो, इसका प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय मंत्रालय को भेजने की तैयारी कर रहा है.

कितने दिनों में शुरू होंगे सेंटर?

पुलिस मुख्यालय प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया, विभाग की अनेक शाखाओं से बात कर प्रस्ताव पर चर्चा की जा रही है. सूत्रों द्वारा बताया गया कि कुछ ही दिनों में योजना को अमल किया जाएगा. नए सेंटर बनाने से ज्यादा ध्यान पुलिस अस्पतालों के ही एक हिस्से को कोविड सेंटर के रूप में तब्दील करने पर दिया जाएगा. यहां कोविड के इलाज में लगने वाली आवश्यक सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा.

पुलिस कल्याण निधि से लिया जाएगा बजट
अगर पुलिस अस्पतालों में जगह कम हुई तो वहां थाना परिसर या पुलिस लाइन में ही अलग से इंतजाम किए जाएंगे. पुलिस कल्याण निधि से इसके लिए बजट लिया जाएगा, जरूरत पड़ी तो अन्य मद से भी राशि जुटाई जाएगी.

मास्क और सैनिटाइजर के लिए दी राशि

पुलिस विभाग के कर्मचारियों को मास्क और सैनिटाइजर खरीदने के लिए लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई. बताया गया है कि कोविड केयर सेंटर के लिए राशि का इंतजाम कर लिया गया है, अन्य जिलों से भी लागत की जानकारी ली गई. कोविड सेंटर बनने से पुलिसकर्मियों के परिवार में संक्रमण का खतरा कम रहेगा. सरकारी योजनाओं के तहत शासकीय अस्पताल के चिकित्सकों की ही सेवाएं यहां भी ली जाएंगी.

SI के पति को नहीं मिला था बेड
कोरोना काल में फ्रंटलाइन वर्कर्स को सबसे ज्यादा दिक्कतों को सामना करना पड़ा. इस मुश्किल दौर में उनके घरों पर न तो आइसोलेट होने की जगह है और न ही वे अपने परिवार से मिल पा रहे हैं. कुछ दिनों पहले अशोकनगर से खबर आई थी, जहां मुंगावली में ड्यूटी कर रहे पटवारी कमलेश भगत को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी SI पत्नी आदियाना भगत उन्हें अस्पताल लाईं, लेकिन बेड नहीं मिला. मजबूरी में फर्श पर लिटाकर मरीज का इलाज किया गया. लेकिन फर्श पर इलाज के दौरान ही मरीज ने तड़पते हुए दम तोड़ दिया.



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