इबादत में रात गुजारकर महामारी से निजात की हुई दुआएं; तबर्रुक का भी किया गया वितरण

Posted By: Himmat Jaithwar
5/10/2021

भोपाल। रमजान माह की खास इबादत वाली पांच रातों में सबसे अहम मानी जाने वाली 27 शब पर अकीदतमंदों ने सारी रात इबादत की। कोविड पाबंदियों के चलते मस्जिदों में सीमित संख्या की अनुमति के कारण लोगों ने घरों में ही इबादत की। इस बीच कुरान पूर्ण होने पर तबर्रुक (प्रसाद) वितरण भी किया गया। लोगों ने खास दुआएं कर दुनिया से महामारी खत्म करने की गुजारिश अल्लाह से की। रमजान माह के 26वें रोजे को खास मुकाम हासिल है। इसकी वजह इस रात को शब ए कद्र की सबसे ज्यादा विश्वसनीय रात माना गया है। आम दिनों में लोग मस्जिदों में इबादत कर पूरी रात गुजारते हैं। गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान पुण्य करते हैं और कुरान पूर्ण होने पर प्रसाद वितरण करते हैं। लॉकडाउन के हालात के चलते मस्जिदों की बजाय लोगों ने घरों में इबादत की और सादगी के साथ दुआओं में रात गुजारी।

रह गए हाथ खाली, देने वाले भी हुए बेचैन
रमजान में दी जाने वाली जकात, फितरा और सदका की राशि कई गरीबों की जरूरत पूरी करने का साधन बनती है। इसको अदा करने वाले भी देकर खुद को अल्लाह का नेक बंदा साबित करने की कोशिश करते हैं। लेकिन पिछले एक साल से जारी लॉकडाउन के हालात ने लोगों की आर्थिक स्थिति पर असर डाला है। कमाई का ग्राफ नीचे रहने का नतीजा यह हुआ कि दी जाने वाली जकात की सालाना राशि में कमी आ गई, जिससे जरूरतमंदों तक उनकी उम्मीद की रकम नहीं पहुंच पाई।

अहतेकाफ (एकांत) में हो रही दुआएं
रमजान माह के आखिरी 10 दिन के हिस्से में मुस्लिम धर्मावलंबी अहतेकाफ में बैठकर खास इबादत कर रहे हैं। इस दौरान किसी से मिलना, बात करना, सार्वजनिक तौर पर बाहर निकलना प्रतिबंधित होता है। सारी बस्ती से किसी एक व्यक्ति के भी अहतेकाफ में बैठ जाने से इसका पुण्य पूरी बस्ती को मिलता है। ईद का चांद दिखाई देने तक अहतेकाफ में बैठने वाले नमाज, रोजे, कुरान पाठ और दुवाओं की पाबंदी करते हैं। इस बार अहतेकाफ में बैठे लोग महामारी के खात्मे के लिए खास दुआएं मांग रहे हैं।

अब ईद का इंतजार
वैसे तो लॉकडाउन के हालात में ईदगाह या बड़ी मस्जिदों में ईद की नमाज अदा नहीं की जाएगी। इसके बाद भी लोग रमजान के रोजों की संख्या पूरी कर ईद का त्योहार सादगी से मनाने की तैयारी में जुट गए हैं। घर में नमाज, फोन या सोशल मीडिया पर मुबारकबाद और दुआएं इस ईद की खासियत होगी। रमजान के 29 रोजे पूरे होने के बाद बुधवार को चांद देखने की रस्म अदा की जाएगी। इस दिन चांद दिखाई न देने पर ईद का त्योहार 14 मई को मनाया जाएगा।

बोहरा समुदाय मनाएगा बुधवार को ईद
इधर दाऊदी बोहरा समाज रमजान माह के 30 रोजे पूरे कर बुधवार को ईद का त्योहार मनाएगा। बोहरा समाज के अली असगर भमोरीवाला ने बताया कि कोविड हालात के चलते इस बार मस्जिदों, जमातखानों आदि में सार्वजनिक नमाज के कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं। पूरे रमजान माह भी लोगों ने घरों में नमाज अदा की है। ईद की नमाज भी घरों में अदा कर सादगी से त्योहार मनाया जाएगा।



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