नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि देशभर में लॉकडाउन से ही संक्रमण को रोका जा सकता है। मंत्रालय ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की एक रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि यह संक्रमण एक आदमी से दूसरे आदमी में फैलता है। अगर कोई संक्रमित मरीज लॉकडाउन में बाहर निकलता है और लोगों के संपर्क में आता है तो वह 30 दिनों में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि सभी लोग लॉकडाउन का पालन करें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अब तक 326 लोगों को पूरी तरह ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। देश में 4 हजार 421 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इनमें से 354 केस पिछले 24 घंटे में मिले हैं। कोरोना को मैनेज करने के लिए रणनीति बनाई गई है। हमने सभी राज्यों से इसे साझा किया है। कुछ स्थानों पर इसके परिणाम अच्छे रहे हैं। जैसे आगरा और भीलवाड़ा। मुंबई में भी इसके तहत काम हो रहा है। पुणे, बेंगलूरु और मेंगलूरु में लोगों को क्वारैंटाइन के लिए तकनीक की मदद ली जा रही है। मरीज का स्वास्थ्य कैसा है, वह कहां और उसकी सेहत में क्या सुधार हुए हैं। इसके लिए भी तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। एंबुलेंसों और डॉक्टरों की रियल टाइम ट्रैकिंग की जा रही है।
डेडिकेटेड सुविधाओं को तीन कैटगरी में बांटा गया
- पहली: कोविड केयर सेंटर- इसके लिए होटल, लॉज, स्टेडियम और पहले से मौजूद सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। संदिग्ध केस को इन स्थानों पर लाया जाएगा।
- दूसरी: डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर- इसके लिए अस्पतालों या उसके अलग ब्लॉक या किसी अलग बिल्डिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जाएगा।
- तीसरी: कोविड अस्पताल- यह पूरी तरह से डेडिकेटेड अस्पताल होंगे। इसके लिए भी अलग अस्पताल या अलग वार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है। इनमें वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन और सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। यहां सिर्फ गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को विशेष ध्यान देने को कहा है।
रेलवे ने 40 हजार से ज्यादा वैगन को आइसोलेशन सेंटर में बदला
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पीएस श्रीवास्तव ने बताया कि भारतीय रेलवे ने 40 हजार से अधिक वैगन को आइसोलेशन सेंटर में बदल दिया है। आगे भी इस पर काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए राज्य और केंद्र शासित राज्यों को विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है। इसके लिए होम सेक्रेटरी लगातार सभी सभी राज्यों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं।