भोपाल/ग्वालियर/ इंदौर. मध्य प्रदेश में मंगलवार को कोरोना के 47 नए मरीज मिले। इनमें इंदौर में 22, भोपाल 21 और छह ग्वालियर (एक श्योपुर) के मरीज हैं। इंदौर में दो लोगों की मौत भी हुई है। राजधानी में 14 स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और 7 पुलिस कर्मचारी और उनके परिवार के लोग वायरस की चपेट में आए हैं। इसमें जहांगीराबाद सीएसपी अलीम खान भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में 7 केस शहर के विभिन्न इलाकों में रहने वाले लोगों के हैं। अब राजधानी में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर 63 से बढ़कर 84 हो गई है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के पॉजिटिव अधिकारी और कर्मचारियों की संख्या 29 से बढ़कर 34 हो गई है। 10 पुलिसकर्मी भी इसकी चपेट में हैं।
सीएमएचओ डॉ. सुधीर डेहरिया ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह घरों में ही रहें। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को भर्ती किया जा रहा है। उनके परिवार में किसी को भी संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, वह तुरंत जांच कराएं और वह किस-किस से मिल चुके है, इसकी जानकारी दें ताकि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा सके और संक्रमण को रोका जा सके।
पुलिसवालों में यह लोग संक्रमित
सीएसपी अलीम खान जहांगीराबाद, पुलिस आरक्षक प्रभु दयाल ड्राइवर टीटी नगर थाना, प्रभु दयाल अहिरवार का बेटा तनुस, गिरीश त्रिपाठी सब इंस्पेक्टर जहांगीराबाद, एहसान खान सिपाही जहांगीराबाद, महेश शर्मा सिपाही हनुमानगंज, ऐशबाग थाने के सिपाही वीरेंद्र चौधरी का बेटा सौरभ कोरोना पॉजिटिव है।
देश में तीसरे स्थान पर इंदौर
इंदौर संक्रमण मामले में देश में तीसरे स्थान पर पहुंच गया। उसके आगे दो करोड़ की आबादी वाले मुंबई (642) और दिल्ली (550) ही हैं। इंदौर जिले की आबादी 34 लाख है। यहां 173 पॉजिटिव मरीज हैं। आंकड़ों में अब तक टॉप 4 में चल रहा केरल का कासरगोड में स्थिति नियंत्रण में है। वहां अब 152 मरीज हैं, जबकि शुरुआती दौर में वहां तेजी से संख्या बढ़ रही थी।
मप्र में 313 कोरोना संक्रमित
मध्य प्रदेश में 313 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इनमें एक पॉजिटिव यूपी के कौशांबी का रहने वाला है। इसके अलावा, इंदौर 173, भोपाल 84, मुरैना 13, जबलपुर 8, उज्जैन 13, खरगोन 4, बड़वानी 3, ग्वालियर में छह, शिवपुरी और छिंदवाड़ा में 2-2, कटनी, विदिशा, बैतूल, श्योपुर, होशंगाबाद में एक-एक संक्रमित मिला। अब तक इंदौर में 13, उज्जैन में 5, भोपाल, छिंदवाड़ा, खरगोन में एक-एक की मौत हो गई। इसमें इंदौर 14, जबलपुर 3, भोपाल 2, शिवपुरी और ग्वालियर में एक-एक मरीज स्वस्थ्य होने पर घर भेज दिया गया।
बेपरवाह स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
मप्र मानवाधिकार आयोग ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की बेपरवाही के मामले में मंगलवार को संज्ञान लिया है। आयोग ने मुख्य सचिव से दो दिन में रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने यह संज्ञान दैनिक भास्कर में प्रकाशित समाचार जिन पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी..उन्हीं की बेपरवाही बदस्तूर जारी और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा द्वारा किए गए ट्विट पर लिया है। आयोग ने अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन ने मुख्य सचिव को गुरूवार को शाम 5 बजे तक रिपोर्ट ई-मेल पर देने कहा है।
आयोग इन बिंदुओं पर चाहता है जानकारी
- अधिकारियों के कोरोना वायरस के संक्रमण की पॉजिटिव रिपोर्ट किस तारीख व समय पर प्राप्त हुई ?
- अधिकारियों की पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उनको तुरंत अस्पताल ले जाकर आइसोलेशन वार्ड में क्यों नहीं रखा गया ?
- स्वास्थ्य विभाग के ऐसे कितने अधिकारी एवं कर्मचारियों की कोरोना वायरस से संक्रमण की पॉजिटिव रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जो अधिकारियों के निरंतर संपर्क में थे। क्या पॉजिटिव रिपोर्ट मिले के बाद उनके सम्पर्क में आए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है या नहीं ?
- कोरोना संक्रमण का पॉजिटिव रिपोर्ट प्राप्त होने पर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के किन संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाकर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराते। जिन अधिकारियों ने इस जिम्मेदारी को नहीं निभाया उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
- केंद्र व राज्य के द्वारा जारी किए गए प्रोटोकॉल का पालने नहीं करने के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है ? प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए किस अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई थी और उसने किस कारण कर्त्तव्य को पालन नहीं किया ?
स्वास्थ्य विभाग में किसके कारण फैला कोरोना का संक्रमण, जांच शुरू हुई
भोपाल में स्वास्थ्य विभाग में किस शख्स के कारण कोराेना वायरस फैला, इसकी जांच शुरू हो गई है। इसमें प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल, हेल्थ कॉर्पोरेशन के एमडी रहे विजय कुमार जे के साथ डाॅ. वीणा सिन्हा व अन्य जो भी अधिकारी, डॉक्टर व कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हुए हैं, उनकी कॉन्टैक्ट हिस्ट्री की पड़ताल होगी। दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य आयुक्त फैज अहमद किदवई ने कहा है कि संक्रमित अफसरों और कर्मचारियों की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री और इसके क्रम की पड़ताल करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं। असलियत सामने आने के बाद संबंधित अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई होगी। किदवई ने बताया कि परस्पर संपर्क से ही कोरोना संक्रमण का विस्तार होता है। अत: प्रभावित व्यक्ति किन लोगों से किस क्रम में मिले और यह कहां से आरंभ हुआ, इसकी ट्रेसिंग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह पता लगाना होगा कि स्वास्थ्य संचालनालय में यह कहां से शुरू हुआ। जब तक संबंधित व्यक्ति स्वयं के संपर्कों के क्रम का ब्याेरा नहीं देंगे, तब तक कुछ कह पाना कठिन है।