इंदौर में औद्योगिक संगठनों के साथ आपदा प्रबंधन समूह की बैठक के बाद आखिरकार उन्हें चालू रखने पर सहमति बन गई, लेकिन तय किया गया उनके यहां काम करने वाले सुबह, शाम और रात को तीन टाइम स्लाट में ही फैक्टरी और घर के बीच आना-जाना कर सकेंगे। इसमें सुबह के लिए साढ़े आठ से दस बजे का, शाम के समय छह से सात बजे का और रात के लिए एक से ढाई बजे तक का समय तय किया गया है।
बैठक में तय हुआ कि यदि कोई फैक्टरी की बसों से आना-जाना करता है तो वह कभी भी मूवमेंट कर सकती है, उन्हें प्रतिबंधित नहीं किया गया है, लेकिन यदि श्रमिक अपने वाहनों से आना-जाना करते हैं तो उन्हें इसी टाइम स्लाट में निकलना होगा। इनके पास संबंधित इंडस्ट्री का आई कार्ड होना चाहिए, इसे ही पास माना जाएगा।
रेसीडेंसी कोठी में हुई इस बैठक के दौरान मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी और एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मप्र के अध्यक्ष प्रमोद डाफरिया, उपाध्यक्ष योगेश मेहता व अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि औद्योगिक संगठन के पदाधिकारियों से हुई है। शहर भर में इंडस्ट्री के नाम पर अभी दिनभर मूवमेंट होता है। इसलिए अब समय तय कर दिया गया है। तय किए गए तीन स्लॉट में ही कर्मचारी मूवमेंट कर सकेंगे। मालवाहक वाहन दिनभर आ जा सकते हैं। लोहा मंडी को लेकर अलग से आदेश जारी किए जाएंगे।
कलेक्टर ने कहा कि सभी उद्योगों को टाइम स्लाट का पालन करना होगा। वहीं, यह भी तय हुआ कि फार्मा इंडस्ट्री को हर सप्ताह कुल सौ आक्सीजन सिलेंडर दिए जाएंगे, जिससे वह एम्प्यूल फिलिंग का काम कर सकें। सांसद लालवानी ने कहा कि उद्योगों को चलाने से करीब दो लाख लोगों का रोजगार जारी रहेगा, इसलिए सभी की मांग और समस्या को देखते हुए इन्हें कोविड प्रोटोकाॅल के पालन के साथ मंजूरी दी है।
दो दिन सिर्फ दूध और दवा मिलेगी
कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा तीन मई को जारी किए गए नए प्रतिबंधात्मक आदेश के तहत शनिवार और रविवार को पूरी तरह से कोरोना कर्फ्यू है। इस दिन मंडियां बंद रहेंगी और फल-सब्जी भी नहीं बिकेगी। केवल दवा दुकान खुलेंगी, दूध की बिक्री सुबह छह से दस और शाम पांच से सात बजे तक ही होगी। वैक्सीनेशन के लिए आ-जा सकेंगे।। साथ ही मेडिकल सुविधा के लिए भी आना-जाना हो सकेगा।