इंदौर। इंदौर में कोरोना महामारी के बीच कलेक्टर V/S स्वास्थ्य विभाग हो गया है। कलेक्टर मनीष सिंह के खिलाफ अब पूरा स्वास्थ्य विभाग ने मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार शाम जहां स्वास्थ्य अधिकारियों ने संभागायुक्त को ज्ञापन देकर शुक्रवार सुबह सामूहिक हड़ताल पर जाने की बात कही थी। शुक्रवार सुबह से ही स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों की बैठक चल रही है। इसमें यह निर्णय लिया जाएगा कि आगे की रणनीति क्या होना है।
वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट का कहना था कि डॉक्टरों के सम्मान की पूरी जिम्मेदारी है मेरी है। मेरा लगातार उनसे संवाद जारी है और अति शीघ्र हल निकाल लिया जाएगा। ईश्वर के बाद डॉक्टर का सम्मान है और यह वक्त सेवा का है। मंत्री ने इस विवाद को परिवार का विवाद बताते हुए कहा कि परिवार में भी कभी-कभी वाद विवाद हो जाते हैं, लेकिन यह लड़ने का समय नहीं है। इस संकट के समय में डॉक्टरों की आवश्यकता है।
इस पूरे मामले में स्वास्थ्य अधिकारियों से जब चर्चा की गई तो उनका कहना था कि वह रणनीति तैयार कर रहे हैं ।
कैलाश विजयवर्गीय बोले- कभी-कभी कम्यूनिकेशन गैप हो जाता है
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि एक-दो घटनाएं ऐसी हुई हैं। प्रभारी मंत्री ने डॉक्टरों से बात की है। कभी-कभी कम्यूनिकेशन गैप हो जाता है। कई बार प्रशासनिक ईगो टकरा जाता है। ऐसी घटनाओं की चिंता करने वाले हमारे आसपास लोग बैठे हुए हैं। कलेक्टर के व्यवहार पर मैं सीधे कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, पर कई बार हमें डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के स्ट्रैंथ को भी समझना होगा। इसलिए दोनों जवाबदारी से काम करें।
यह है मामला
प्रशासन के अधिकारियों द्वारा अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के दो डॉक्टरों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वालों में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर पूर्णिमा गडरिया और मानपुर के मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) डॉ. आरएस तोमर शामिल हैं। डॉ. गडरिया ने कलेक्टर मनीष सिंह और डॉ. तोमर ने एसडीएम अभिलाष मिश्रा द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात को लेकर यह कदम उठाया है।