मुरैना(पोरसा)। दरवाजे पर बारात आई तो निशा खुशी से फूली नहीं समा रही थी। उसकी संग-सहेलियां, उसके साथ ठिठोली कर रही थीं, वह बार-बार सहेलियों से कर रही थी कि, पहले पार्लर वाली मेडम को मेकअप तो कर लेने दो, फिर हंसाना, नहीं तो मेकअप खराब हो जाएगा। तभी किसी ने बाहर से आकर कहा, कि दरवाजे पर पुलिस आई है, और कह रही है कि यह शादी नहीं हो सकती, लड़की अभी नाबालिग है। यह सुनते ही निशा के चहरे से हंसी गायब हो गई, लेकिन जब उसकी मां ने बताया कि बात सही है, तो वह दहाड़े मार कर रोने लगी। घटना, 30 अप्रेल, ग्राम खरगोले का पुरा, पोरसा, जिला मुरैना की हैै। निशा के पिता महेश त्यागी खेती-बाड़ी करके जैसे-तैैसे घर का गुजारा करते थे। उनके थोड़ी खेती थी। निशा पढ़ने में होशियार थी लेकिन, हाईस्कूल के पेपरों के दौरान उसी समय बीमार पड़ने के कारण उसके पेपर बिगड़ गए और वह फेल हो गई। जब वह फेल हो गई तो उसके पिता ने सोचा कि लड़की के सामने पूरी जिंदगी पड़ी है, उसे नौकरी भी करनी है, सो उन्होंने दूसरी बार जब हाईस्कूल का फार्म भरा तो उसमें, एक साल उम्र कम लिखवा दी। जिस समय उम्र कम लिखवाई थी, उसके पिता ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि, यह उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल होगी। निशा ने दोबारा हाईस्कूल के पेपर दिए और अच्छे नंबरों से पास हो गई। उसके बाद उसने आगे की पढ़ाई की। बात आई-गई हो गई। बाद में उसके पिता ने पास के ही जोटई गांव में अपनी बिरादरी का अच्छा लड़का देखकर उसकी शादी तय कर दी। शादी 30 अप्रेल की थी। लॉकडाउन की वजह से शादी में बहुत कम रिश्तेदार शामिल हुए। गांव में महेश त्यागी से कुछ लोग जलते थे, वह उसे हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश करते रहते थे। पहले भी महेश त्यागी का उनसे दो बार झगड़ा हो चुका था। उन लोगों ने स्कूल से पता लगा लिया कि महेश ने अपने बेटी निशा की हाईस्कूल की अंकसूची में उम्र कम करवा दी है। इसलिए शादी वाले दिन वे एसडीएम व तहसीलदार के पास पहुंचे और बताया कि उनका पड़ोसी अपनी नाबालिग लड़की की शादी कर रहा है। एसडीएम व तहसीलदार पुलिस लेकर तुरंत निशा के दरवाजे पर पहुंचे गए तथा बोले कि नाबालिग लड़की की शादी नहीं हो सकती है। निशा के पिता ने उनको बहुत समझाया कि, साहब, लड़की नाबालिग नहीं है, लेकिन प्रशासनिक अफसर नहीं माने और उन्होंने सबूत के तौर पर निशा का आधार कार्ड व अंकसूची मंगवाई। जब अंकसूची व आधार कार्ड देखे गए, तो दोनों में एक ही जन्मतिथि लिखी थी। उस जन्म तिथि के अनुसार निशा की उम्र 17 साल, 8 महीने हो रही थी। लिहाजा निशा के पिता जिला प्रशासन के सामने लाचार होकर रोने लगे, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी भी मजबूर थे, तथा शादी रोक दी गई।
विजयराम त्यागी
निशा की रक्षा करने सामने आया समाज
जब पूरे गांव में यह खबर आग की तरफ फैल गई कि, महेश त्यागी की लड़की की शादी रोक दी गई है, तो त्यागी समाज के अंबाह व पोरसा के अध्यक्ष विजयराम त्यागी, निशा के रक्षक बनकर सामने आए। वह अपने समाज के कुछ लोगों के साथ महेश त्यागी के यहां पहुंचे और जिला प्रशासन के अफसरों से कहा कि निशा बालिग है, हम उसकी शादी नहीं रुकने देंगे। दूसरे दिन विजयराम त्यागी, निशा व उसके पिता महेश त्यागी व समाज के कुछ लोगों के साथ, जिला प्रशासन के अफसरों की उपस्थित में जिला अस्पताल मुरैना पहुंचे तथा वहां, बाल कल्याण समिति के समक्ष निशा को प्रस्तुत करके उसका मेडीकल कराया। मेडीकल के दौरान डॉक्टरों के बोर्ड ने साबित कर दिया कि निशा की उम्र 19 वर्ष है तथा वह बालिग है। इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारी भी मुंह ताकते रह गए और 1 मई, उसी दिन निशा को वापस गांव लाकर उसकी धूम-धाम से शादी कराई गई तथा निशा हंसते-मुस्कराते अपने पति के संग ग्राम जोटई विदा हो गई।