MP में कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी सरकार लेगी; स्पॉन्सरशिप योजना शुरू की

Posted By: Himmat Jaithwar
5/6/2021

मध्यप्रदेश में कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल और भरण-पोषण सरकार करेगी। इसके लिए महिला-बाल विकास विभाग ने स्पॉन्सरशिप योजना शुरू की है। शासन ऐसे बच्चे, जिनके माता-पिता का निधन कोरोना के कारण हो गया है अथवा जिनके माता-पिता इस बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं, उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी लेने का निर्णय लिया गया है।

सबसे पहले ग्वालियर जिले में इसके तहत फिट फेसिलिटी केंद्र की शुरुआत की जा रही है। जिले में संचालित शासकीय विद्यालय और छात्रावासों को ऐसे बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण के लिए फिट फेसिलिटी केंद्र घोषित कर बच्चों की उचित देखभाल तथा संरक्षण प्रदान किया जाएगा। साथ ही स्वयंसेवी संस्था, सामाजिक कार्यकर्ता आदि को जोड़कर बच्चों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

योजना का उद्देश्य जैविक परिवार से अलग होने से रोकना

इस योजना के अंतर्गत बच्चों को शासकीय एवं निजी प्रायोजन सहायता का मुख्य उद्देश्य उनके जैविक परिवार से अलग होने से रोकना है। साथ ही बाल देखरेख संस्था में रहने वाले बच्चे, मुक्त कराए गए बच्चों को उनके जैविक परिवार में भेजकर पुनर्वास स्थित करना एवं उनका समग्र विकास करना तथा सामाजिक रूप से सक्षम परिवारों द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवार का बाल देखरेख संस्था में रहने वाले बच्चों के विकास में सहयोग के लिए जोड़ना है।

14 शहरों में आश्रय पर साढ़े 3 करोड़ खर्च होंगे

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने जानकारी दी है कि 14 शहरों में आश्रय स्थलों के निर्माण के लिए 3 करोड़ 50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। हर आश्रय स्थल को 25 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही वर्तमान में संचालित 119 आश्रय स्थलों के संचालन एवं संधारण के लिए 89 लाख 94 हजार रूपए आवंटित किए गए हैं।

वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य के 51 जिला मुख्यालयों और एक लाख से अधिक आबादी वाले 4 नगरीय निकाय डबरा, इटारसी, नागदा एवं पीथमपुर में 119 आश्रय स्थल संचालित हैं। आश्रय स्थल में गरीबों को बुनियादी सुविधाओं जैसे हवादार कमरे, पलंग, गद्दा, तकिया, चादर, स्वच्छ पेयजल, पर्सनल लॉकर और मनोरंजन के लिए टी.वी., अखबार और पुस्तकें उपलब्ध हैं।

इसके साथ ही प्राथमिक उपचार किट, स्नानागार एवं शौचालय की सुविधा के साथ गर्मी के मौसम में बेघरों की सुविधा के लिए कूलर व वाटर कूलर की भी व्यवस्था की जाती है। शीत ऋतु में ठंड में बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था एवं सुरक्षा की दृष्टि से सी.सी.टी.वी. कैमरे भी लगाये जाते हैं।



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