हम बर्बाद हो गए, सरकार टैक्स माफ करे, बीमा भी कराए: बस ऑनर्स एसोसिएशन

Posted By: Himmat Jaithwar
4/7/2020

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, बस मालिक भी इस देश का नागरिक होकर अन्य की तरह जनता के आवागमन के साधन उपलब्ध कराकर, निरंतर यात्रियों की सेवा कर इस देश की उन्नति में यथा संभव योगदान देता है। कोरोना ( कोविड - 19 ) नामक वैश्विक महामारी के कारण संपूर्ण देश में हुए जनता कयूं और उसके तुरंत बाद हुए लॉक डाउन के कारण मध्य प्रदेश की समस्त बसों का संचालन सम्पूर्ण रूप से बंद है।
अचानक हुए लॉक डाउन के कारण बस मालिकों को यह भी समय नहीं मिल पाया कि वह अपनी बसें व्यवस्थित, सुरक्षित रूप से खड़ी करवा पाए, वह जहाँ भी खड़ी थी वहीं रह गई, ज्यादातर बसों का स्टाफ भी डर के कारण बसें सूनी छोड़ कर अपने - अपने घर चले गए, बसों की सुरक्षा भी संदिग्ध है।

बसों का व्यवसाय सीजनल होता है, इस बंद के दौरान का समय खुला मौसम, शादी - ब्याह का मौसम, फसल कटाई का मौसम, नव - रात्री व अन्य मुख्य त्योहारों का मौसम था। जिस के कारण बसों में यात्रियों का आवागमन अत्याधिक बढ़ा हुआ था। ( यह उल्लेखनीय है कि सम्पूर्ण वर्ष में लगभग तीन माह ही व्यवसाय ठीक रहता है बाकी के दिनों में विशेष कर वर्षा काल में यह व्यवसाय घाटे का रहता है )

इस लॉक डाउन के समाप्त होने के बाद भी, डर व आर्थिक मंदी के कारण, ट्रेफिक को मुख्य धारा में आने में कई महीने, साल लग जाएंगे। इससे बस संचालकों के सामने विषम आर्थिक परेशानियों के कारण रोजी - रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। जिस के कारण परिवहन व्यवसाय पूर्ण रूप से समाप्त, चौपट हो जाने की स्थिति में आ गया है।

परिवहन व्यवसायियों ने अपने जीवन में ऐसा कठिन समय कभी नहीं देखा है, तथा कई बस मालिक डिप्रेशन के शिकार हो गए है। वैसे भी अधिकारियों द्वारा जरूरत से अधिक परमिट दे देने से यह व्यवसाय दूषित प्रतिस्पर्धा का शिकार हो रहा है।

इस व्यवसाय का दुखद पहलू यह भी है कि बसें संचालित हो या नहीं पर इसके खर्चे निरंतर चालू रहते है, जैसे की बैंक लोन की किसते व ब्याज, बीमा, स्टाफ का वेतन, मार्ग का वाहन कर, स्पेयर वाहन कर, मूल्य ह्यास, रख रखाव इत्यादि, जो कि बढा ही महंगा कार्य है।

यह व्यवसाय यात्रियों की सुरक्षा से भी संबंधित है, इस कारण इसकी गुणवता से समझोता भी नहीं किया जा सकता है।

1. समस्त बसों का एक वर्ष का वाहन कर माफ किया जाए। 
2. संलग्न, संदर्भित पत्र के अनुसार मुआवजा दिया जाए। 
3. समस्त बसों का एक वर्ष का बीमा शासन वहन करे।

मांग करने वालों में सुरेंद्र धनवानी भोपाल, शिव सिंह गौड़ इंदौर, जयकुमार जैन सागर, संतोष पांडे सागर, भानु प्रताप सिंह पन्ना, रवि शुक्ला उज्जैन, राकेश फौजदार होशंगाबाद, शिवकुमार शर्मा उज्जैन, संजय लोनकर धार, वीरेंद्र साहू जबलपुर, आबिद सिद्दीकी छतरपुर, सतीश सतना एवं राजेश सिंह भदोरिया मध्य प्रदेश बस ओनर्स एसोसिएशन



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