उज्जैन। कोरोना के मरीजों की बढती संख्या के कारण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं के हाल बेहाल है। हालत यहां तक पहुंच गई है कि ग्रामीण अंचल में झोलाछाप डॉक्टर खेतों में पेड़ों पर लटका कर के मरीजों को बोतल चढ़ा रहे हैं।
यह मामला आगर मालवा जिले का है। सुसनेर से पिडावा राजस्थान की और जाने वाले मार्ग पर ग्राम धानियाखेड़ी से करीब आधा किलोमीटर दूर का है। जहां पर मुख्य सड़क से 200 मीटर दूरी पर स्थित संतरे के एक बगीचे में दरी और कार्टून के पर ही मरीजों को लिटाकर पेड़ पर लटकी हुई बोतलों से मरीजों का उपचार निजी चिकित्सक के द्वारा किया जा रहा है। खेत को अस्पताल बनाने वाले झोलाछाप का नाम देवीलाल है। अफसरों की जानकारी में होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इसी जगह पर आसपास के करीब 10 गांव के मरीज बड़ी संख्या में अपना इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। यहां इलाज करा रहे मरीजों को न तो कोरोना का खौफ है और न ही उनके लिए दो गज की दूरी और मास्क जरूरी है। इस मामले में सुसनेर बीएमओ मनीष कुरील का कहना है कि ऐसे चिकित्सकों पर कार्रवाई भी की जा रही है। साथ ही उनको समझाइश भी दी जा रही है कि मरीजों को सही सलाह दे। कुरील ने कहा कि मैं आज गांव में जा रहा हूं।