देपालपुर में लॉकडाउन के दौरान घूमने वालों का बैंड, बाजे के साथ निकाला था जुलूस, 500 मीटर तक मेंढ़क चाल चलवाकर मारी थी लात

Posted By: Himmat Jaithwar
5/4/2021

देपालपुर में लॉकडाउन के दौरान घूमने वालों का जुलूस निकालकर लात मरने, 25 हजार रुपए फीस नहीं चुकाने पर शव देने से इनकार करने की घटना पर मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने जिला प्रशासन और पुलिस से 8 सप्ताह में जवाब मांगा है। इन दोनों घटनाओं की शिकायत आयोग से की गई थी। आयोग के अध्यक्ष नरेंद्रकुमार जैन को इसकी शिकायत की गई थी।

तहसीलदार ने लॉकडाउन में घूम रहे लोगों को पकड़कर लात मारी और जुलूस निकाला था। बाकायदा बैंड, बाजा बजाकर लोगों को बाजार में घुमाया था। इसी तरह गिटार वाला चौराहा के समीप अस्पताल में 50 वर्षीय महिला की मौत होने पर परिजन द्वारा बकाया 25 हजार रुपए नहीं चुकाने पर अस्पताल प्रबंधन ने शव देने से इनकार कर दिया था। अब इन दोनों मामले में जवाब पेश करने को कहा गया है।

यह है मामला

इंदौर के समीप देपालपुर विधानसभा में कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर तहसीलदार बजरंग बहादुर का लोगों को लात से मारने का एक VIDEO वायरल हुआ था। वीडियो में तहसीलदार बजरंग बहादुर चमन चौराहा पर कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों को रोकते हैं। उन्हें मेंढ़क कूद करके आधा किलोमीटर चलने के लिए कहा जाता है। बकायदा बैंड-बाजे के साथ उनका जुलूस निकाला जाता है। जब लोग मेंढ़क कूद करके चलते हैं तो तहसीलदार उन्हें लात मारते हैं। जो भी खड़ा होता है वह उसे दौड़-दौड़ कर लात मारते हैं। इस दौरान उनके साथ पुलिसकर्मी और अन्य कर्मचारी रहते हैं।

कांग्रेस ने कहा था- कार्रवाई नहीं हुई तो तहसीलदार का मुंह काला करेंगे

जनता को लात मारते हुए भी दिखाई दिए वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस विधायक विशाल पटेल ने इसकी निंदा की थी। सोशल मीडिया पर एक मैसेज भी वायरल किया, जिसमें लिखा कि तहसीलदार बजरंग बहादुर के खिलाफ यदि कार्रवाई नहीं होती है, तो कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीलदार का मुंह काला करेंगे।



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