कोरोना के बढ़ते संकट के बीच पांच राज्यों के चुनाव नतीजे रविवार को आ गए। बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, केरल में लेफ्ट तो असम में भाजपा सत्ता में वापस लौटी है। वहीं, तमिलनाडु में द्रमुक और पुडुचेरी में AINRC सत्ता में वापसी कर रही है।
वोट शेयर के लिहाज से देखें तो बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा और 2016 के विधानसभा चुनाव से बेहतर प्रदर्शन किया। वहीं, भाजपा के वोट शेयर में 2016 के मुकाबले करीब 28% का इजाफा हुआ। हालांकि, 2019 के लोकसभा जैसा प्रदर्शन वो नहीं दोहरा सकी। लोकसभा चुनाव में भाजपा को 40.6% वोट मिले थे। जो इस बार घटकर 38.1% रह गए।
भाजपा लोकसभा जैसा प्रदर्शन दोहराने में सफल रहती तो उसे 125 से अधिक सीटें मिलतीं। वहीं, तृणमूल केवल 160 सीटों के आसपास सिमट जाती।
केरल की बात करें तो यहां सत्ता में लौटी माकपा लोकसभा में मिले वोट शेयर बरकरार नहीं रख सकी। उसके वोट शेयर में 0.6% की कमी आई। वहीं, भाजपा भी लोकसभा चुनाव जैसा प्रदर्शन नहीं कर सकी। हालांकि, 2016 के मुकाबले उसके वोट शेयर में 0.7% का इजाफा हुआ। लोकसभा चुनाव में केरल की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस यहां सबसे ज्यादा नुकसान में रही। उसके वोट शेयर में 12% से ज्यादा की कमी आई।
तमिलनाडु में द्रमुक ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 2016 के मुकाबले अपना वोट शेयर 1% बढ़ाया था। इस बार उसने इस बढ़त को और मजबूत किया है। 2019 के मुकाबले द्रमुक का वोट शेयर 4.5% बढ़ा है। अन्नाद्रमुक के वोट शेयर में भी लोकसभा के मुकाबले 14% से ज्यादा इजाफा हुआ है।
लोकसभा के लिहाज से सबसे ज्यादा वोट शेयर कांग्रेस का घटा है। वहीं, भाजपा भी लोकसभा जैसा प्रदर्शन नहीं कर सकी है।
2016 में असम में भाजपा ने सरकार बनाई, लेकिन वोट शेयर के लिहाज से कांग्रेस भाजपा से आगे थी। इस बार भाजपा ने वोट शेयर के मामले में भी कांग्रेस को पछाड़ दिया। लोकसभा के लिहाज से देखें तो भाजपा और कांग्रेस दोनों का वोट शेयर घटा है। ज्यादा नुकसान कांग्रेस का हुआ है।